पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद (Bihar CM Nitish Kumar)की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित एनडीए के कई दिग्गज नेता उपस्थित रहे। हरियाणा, असम, गुजरात, मेघालय, उत्तर प्रदेश, नगालैंड, ओडिशा, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की।

शपथ ग्रहण के बाद दो उपमुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ली जिसमें सम्राट चौधरी (भाजपा) और विजय कुमार सिन्हा (भाजपा) ने शपथ ली।

इसके बाद नए मंत्रिमंडल के 24 अन्य सदस्यों ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। कुल मिलाकर नीतीश कैबिनेट में 27 मंत्री (मुख्यमंत्री सहित) होंगे, जिनका गठन इस प्रकार है:
जदयू : 8 मंत्री
भाजपा : 14 मंत्री
लोजपा (रामविलास) : 2 मंत्री
रालोमो : 1 मंत्री
हम (सेक्युलर) : 1 मंत्री
नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में इस बार कई नए और चर्चित चेहरों को जगह दी गई है।
- पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रहे रामकृपाल यादव पहली बार बिहार मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं।
- अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज और टिकट न मिलने के बावजूद भाजपा के साथ डटी रहीं श्रेयसी सिंह को भी कैबिनेट में एंट्री मिली है।
- चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के दोनों विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे महुआ के नवनिर्वाचित विधायक संजय सर्राफ उर्फ संजय सिंह भी शामिल हैं, जिन्होंने लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को करारी शिकस्त दी थी।
नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में भाजपा से मंत्री बनने वालों की सूची में अनुभवी नेताओं को लगभग पूरी तरह नजरअंदाज कर नई पीढ़ी और सरप्राइज नामों को तरजीह दी गई है।शपथ लेने मंच पर पहुंच चुके भाजपा कोटे के नए मंत्री हैं:
- श्रेयसी सिंह
- रामकृपाल यादव
- विजेंद्र यादव
- सुनील कुमार
- जमा खान
- संजय टाइगर
- अरुण शंकर प्रसाद (प्रसाद जी)
- दीपक प्रकाश (उपेंद्र कुशवाहा के बेटे)
- लखेंद्र पासवान
- मदन सहनी
इसके अलावा अशोक चौधरी, श्रवण कुमार और विजय चौधरी जैसे पुराने दिग्गजों का नाम भी अंतिम समय में जुड़ा है, लेकिन कुल मिलाकर भाजपा कोटे में 90% से ज्यादा चेहरे बिल्कुल नए हैं। पार्टी ने इस बार अनुभव से ज्यादा नए समीकरण, जातीय संतुलन और युवा ऊर्जा पर दांव खेला है।

