छत्तीसगढ़ में पटवारी से राजस्व निरीक्षक (RI) पदोन्नति परीक्षा में कथित बड़े पैमाने पर धांधली के आरोपों की जांच के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 19 नवंबर 2025 को सुबह-सुबह प्रदेशव्यापी व्यापक छापा शुरू कर दिया। यह कार्रवाई लगभग 20 से अधिक ठिकानों पर एक साथ की गई, जिसमें राजधानी रायपुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, अंबिकापुर, जगदलपुर, गरियाबंद, महासमुंद, अभनपुर, आरंग और नया रायपुर जैसे प्रमुख शहर-जिले शामिल हैं।
छापा मुख्य रूप से उन पटवारियों और RI अधिकारियों के घरों, कार्यालयों तथा संबद्ध स्थानों पर केंद्रित रही, जिन पर परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं, पैसे के लेन-देन और हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं। सूत्रों के अनुसार, ACB-EOW की संयुक्त टीमें दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, बैंक विवरण और संदिग्ध सामग्री जब्त करने में जुटी रहीं, जिससे संबंधित अधिकारियों और उनके परिजनों में व्यापक हड़कंप मच गया। यह अभियान विधानसभा सत्र के दौरान उठे विपक्ष के आरोपों और शिकायतों के बाद तेज हुआ, जहां परीक्षा में मेरिट लिस्ट में हेरफेर, फर्जी अंक और रिश्वतखोरी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उछाला गया था।
घोटाले की जड़ें पटवारी से RI बनने की प्रतियोगी परीक्षा की प्रक्रिया में छिपी बताई जा रही हैं, जहां सैकड़ों उम्मीदवारों के चयन में पारदर्शिता की कमी और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार की आशंकाओं पर सवाल उठे थे। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस धांधली से कम से कम 50-60 अधिकारियों को अनुचित लाभ मिला, जिसके कारण योग्य उम्मीदवारों के भविष्य पर बुरा असर पड़ा। छापेमारी के दौरान कुछ अधिकारियों के आवासों से नकदी, प्रॉपर्टी दस्तावेज और परीक्षा से जुड़े गोपनीय फाइलें बरामद की गईं, जबकि कई जगहों पर पूछताछ में देरी हुई क्योंकि आरोपी फरार होने की कोशिश में लगे रहे।
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए EOW को विशेष जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया है, और माना जा रहा है कि यह कार्रवाई और विस्तार लेगी, संभवतः गिरफ्तारियां और अन्य जिलों में अतिरिक्त दबिशें।फिलहाल, ACB-EOW ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन जांच पूरी होने पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

