[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
चीनियों ने Shanghai Airport पर 18 घंटे तक अरुणाचल प्रदेश महिला को बनाया बंधक
माओवादियों के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस तो समर्थन में उतरे तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष
अवध असम एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रियों की भारी भीड़, एक लड़की का दम घुटा, इमरजेंसी चेन खींचने के बावजूद न डॉक्टर पहुंचे न पुलिस
गजा की 90% से ज्यादा आबादी मदद पर निर्भर, 44 दिनों में करीब 500 बार टूटा सीजफायर
जमीन गाइडलाइन दर का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों से भाजपा नेताओं की धक्का-मुक्की, भाजपा अध्यक्ष का काफिला रोकने पर विवाद
होमवर्क नहीं करने पर नर्सरी के बच्चे को पेड़ से लटकाया, वीडियो वायरल
6761 करोड़ के घोटाले में 5100 करोड़ की वसूली कर आरोपियों को छोड़ने का सुप्रीम आदेश
जहरीली हवाएं और मास्क के पीछे की हकीकत
G20 summit: जानिए किन मुद्दों पर हुई पीएम मोदी और इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के बीच बैठक
सड़क हादसों का दिन, दो अलग अलग घटनाओं में 12 मरे 40 घायल
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

उन बच्चों को स्कूल में होना चाहिए

Editorial Board
Editorial Board
Published: November 18, 2025 7:32 PM
Last updated: November 18, 2025 7:33 PM
Share
child laborers in Chhattisgarh
SHARE

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दो फैक्टरियों से बाल श्रमिकों को मुक्त कराने में जिस तरह की मशक्कत करनी पड़ी है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों और किशोरों का श्रम के नाम पर शोषण आज भी कितनी बड़ी चुनौती है।

हैरान करने वाली बात यह भी है कि इनमें से एक फैक्टरी से कुछ महीने पहले भी 97 मजदूरों को मुक्त कराया गया था, जिनसे मनमाने ढंग से काम लिया जा रहा था। यही नहीं, उनमें से अनेक लोगों को तो महीनों से भुगतान तक नहीं किया गया था और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर किया गया था। और यदि उसी फैक्टरी से अब बच्चों और किशोरों को मुक्त कराना पड़ा है, तो समझा जा सकता है कि बिना किसी राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के ऐसी मनमानी की ही नहीं जा सकती।

वास्तविकता यह है कि जुलाई की उस घटना के बाद फैक्टरी मालिक के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई थी और मुक्त कराए गए लोगों को एक तरह से उनके हाल पर छोड़ दिया गया था। दरअसल जुलाई में मशरूम फैक्टरी में मजदूरों को बंधक बनाए जाने की जानकारी तब मिली थी, जब वहां से कुछ मजदूर देर रात भाग निकले थे!

इन दो फैक्टरियों पर की गई ताजा कार्रवाई से साफ है कि उनके मालिकों और संचालकों में किसी भी तरह का भय नहीं था। बंधुआ और बाल मजदूरी पर भले ही कानूनी प्रतिबंध हो, लेकिन ऐसी घटनाएं बताती हैं कि फैक्टरी मालिकों और नियोक्ताओं की मनमानियां कम नहीं हुई हैं।

अभी यह पता नहीं है कि इन बच्चों को किस तरह से इन फैक्टरियों तक लाया गया था, लेकिन यह तो साफ है कि उनके काम के घंटों का कोई हिसाब नहीं था।

मुक्त कराए गए 109 बच्चों में से अधिकांश बच्चे उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के बताए गए हैं और उनमें 68 लड़कियां भी शामिल हैं। जाहिर है, ये बच्चे आर्थिक मजबूरी में ही इन फैक्टरियों तक आए होंगे। यह कार्रवाई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे नारों की जमीनी हकीकत को भी बयां कर रही है और सत्ता के शिखर से किए जाने वाले विकास के गगनचुंबी दावों की भी।

यह भी पूछा ही जाना चाहिए कि यदि सरकार देश के 85 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है, स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण जैसा कार्यक्रम चल रहा है, करोड़ों महिलाओं के खातों में सीधे पैसा पहुंच रहा है, तो फिर ये बच्चे स्कूलों के बजाए फैक्टरियों में क्यों थे?

TAGGED:cg newschild laborers in ChhattisgarhEditorialNHRC
Previous Article Sheikh Hasina शेख हसीना को सजा से पहले ही मोहम्मद यूनुस ने कर ली थी तैयारी, कोर्ट के फैसले के बाद हिंसा में दो की मौत   
Next Article डीकेएस अस्पताल में 54 में से 45 डायलिसिस मशीनें और 35 में से 18 वेंटिलेटर खराब
Lens poster

Popular Posts

मेयर मम्मी के बेटे ने सड़क पर काटा केक, दर्ज हुई एफआईआर, कलेक्टर-एसपी वीडियो जारी कर दे रहें संदेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में नियमों की अवहेलना बदमाशों से ज्यादा नेता कर रहें हैं।…

By नितिन मिश्रा

नई दिल्ली  रेलवे स्टेशन हादसा : प्रयागराज के लिए हर घंटे जारी हो रहे थे 1,500 टिकट, नाकाम साबित हुए इंतजाम, मृतकों की संख्‍या 18

नई दिल्ली स्टेशन में कुल 16 प्लेटफार्म हैं। नई दिल्ली स्टेशन के भीतर जाने के…

By The Lens Desk

मोदी शाम 5 बजे राष्ट्र को करेंगे संबोधित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( modi speech ) रविवार शाम 5 बजे राष्ट्र को…

By आवेश तिवारी

You Might Also Like

Mansoon Satra
English

A lull before the storm

By Editorial Board
I Love Mohammad controversy
लेंस संपादकीय

अलीगढ़ में ‘आई लव मोहम्मद’ से जुड़ा विवादः गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचाने का नतीजा

By Editorial Board
Supreme Court notice to eight states
English

Vantara judgement: peculiarities abound

By Editorial Board
RSS anthem
English

Hurting Rahul’s campaign

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?