रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीदी कार्य को अत्यावश्यक सेवा घोषित कर दिया है। इसके साथ ही इसे समीचीन सेवा मानते हुए सरकार की तरफ से आदेश जारी किया गया है।
गृह विभाग, सी-अनुभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलने वाले धान खरीदी अभियान में किसी भी कर्मचारियों द्वारा कार्य से इंकार किए जाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सरकार ने छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विघटन निवारण अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा (1) एवं (2) के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए यह निर्णय लिया। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस अवधि में धान खरीदी कार्य में बाधा डालना या कार्य से मना करना कानूनी रूप से प्रतिबंधित होगा और यह प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू रहेगा।
राज्य सरकार का मानना है कि धान खरीदी राज्य के किसानों के हित, खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सीधे जुड़ा महत्वपूर्ण कार्य है, इसलिए इसे निर्बाध रूप से संचालित करना आवश्यक है।
आदेश राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है और यह 15 नवंबर यानी कि आज से लागू हो गया है।

