नई दिल्ली। चुनावी राज्य बिहार में, पहले चरण के मतदान से कुछ दिन पहले एक नया विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने राज्य में बिजली घोटाले का चौंकाने वाला खुलासा किया है।
एक टीवी चैनल पर पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया है कि राज्य के बिजली विभाग में 62,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के मंत्रालय के कई अधिकारी इस घोटाले में शामिल हैं और उन्होंने इसकी केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) से जाँच कराने की माँग की है।
सिंह ने आरोप लगाया कि यह घोटाला बिहार में एक कंपनी को दिए गए ताप विद्युत संयंत्र से संबंधित है, जिसे सरकार ने बड़ी हुई कीमत पर स्थापित करने की अनुमति दी थी। एबीपी न्यूज ने यह इंटरव्यू अपने यूट्यूब चैनल से हटा दिया है।
आरके सिंह मनमोहन सिंह की सरकार में गृह सचिव रहे उनके ही कार्यकाल में अजमल कसाब और अफजल गुरु को फांसी दी गई। बिहार में आडवाणी की रथयात्रा को रोकने में भी उनकी बड़ी भूमिका थी। सुपौल के रहने वाले आरके सिंह बीजेपी की सरकार आने पर उसमें शामिल हो गए और दो बार मंत्री रहे।
एबीपी न्यूज से बातचीत में आरके सिंह ने बताया कि कंपनी और सरकार के बीच 25 साल की अवधि के लिए समझौता हुआ है, जिसके तहत सरकार बिजली की कीमत 6.075 रुपये प्रति यूनिट करेगी।
मंत्री ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ‘यह बहुत बड़ा घोटाला है। अडानी के साथ एक समझौता हुआ है कि 25 सालों तक सरकार बिजली 6.075 रुपये प्रति यूनिट की दर से देगी। यही वह समझौता है जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं। अडानी को बढ़ी हुई कीमत पर बिजली संयंत्र लगाने के लिए बहुत सारा पैसा दिया गया है।’
आर के सिंह का कहना था कि इससे राज्य में लोगों को महंगे दाम पर बिजली लेनी होगी। वह बोले कुल मिलाकर यह 1,40,000 करोड़ रुपये का घोटाला है।
इस मामले में किस तरह की जांच चाहिए, यह पूछे जाने पर पूर्व भाजपा मंत्री ने कहा, ‘यह बहुत बड़ा घोटाला है। यह एक धोखा है। वे प्रति वर्ष 2,500 करोड़ रुपये से ज़्यादा दे रहे हैं। कुल मिलाकर, वे 25 वर्षों में 6,2000 करोड़ रुपये दे रहे हैं।’
अडानी पावर ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पूर्व मंत्री द्वारा किए गए दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
इस बीच, आरके सिंह ने आगे कहा कि कंपनी को पूंजी की वापसी के साथ-साथ उससे अतिरिक्त धन भी मिलेगा।उन्होंने आगे कहा, ‘और क्या है, जानते हैं? उनके पास जो पूँजी है, उस पर रिटर्न सिर्फ़ 150फीसदी है। उन्हें वो मिलेगा। इसके अलावा, वे इतना कुछ दे रहे हैं। इसका भुगतान कौन करेगा? जनता करेगी। 1 रुपया 41 पैसे प्रति यूनिट ज़्यादा है। यह बहुत बड़ा घोटाला है। यह 6,2000 करोड़ का घोटाला है। हम कह रहे हैं कि इसकी सीबीआई जाँच होनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि सीबीआई इस घोटाले की कुल राशि का आकलन करने के लिए स्वतंत्र है, और इसमें शामिल सभी मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘उन सभी को जेल जाना चाहिए।’
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरके सिंह के इंटरव्यू की क्लिप दो बार अपने एक्स हैंडल पर क्लिप साझा की और कहा कि एक पूर्व भाजपा नेता अपनी ही सरकार की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ भाजपा नेता खुलेआम उस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं जिसका पर्दाफाश उनकी अपनी सरकार ने किया था।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि आज शाम इस सनसनीखेज मुद्दे पर टीवी पर ज़रूर बहस होगी। आप क्या सोचते हैं?’ लेकिन जब एबीपी ने क्लिप हटा दी तो पावन खेड़ा के उसे दोबारा साझा कर दिया।

