नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के शामली का वह सरकारी डॉक्टर दीपक चौधरी अपने बयान से पलट गया है जिसमें उसने दावा किया था कि यूपी पुलिस एक बदमाश को 20 गोली मारकर लाई थी और दबाव बनाकर रिपोर्ट में एक गोली लिखवाई गई थी। इस बयान से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
हालांकि डॉ. कुमार ने अब अपने बयान को मानसिक तनाव के दौरान दिया गया बताया है। डॉक्टर कुमार ने फर्जी मुठभेड़ों को लेकर चिकित्सकों पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
शामली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर दीपक चौधरी ने चोरी के एक मामले में कथित ‘पुलिस निष्क्रियता’ पर सवाल उठाते हुए पिछले दिनों वीडियो जारी कर कहा था ‘पुलिस 20 गोलियों के घावों से छलनी शव लाती है और हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में केवल एक चोट दर्ज करने के लिए मजबूर करती है।’
उन्होंने कहा कि ऐसे मुठभेड़ मामलों में मारे गए शवों पर अक्सर गोली के घावों के आसपास कालापन दिखाई देता है। मालूम हो कि यूपी पुलिस अक्सर दावा करती है कि अपराधियों ने पुलिस पर गोलियां चलाईं और जवाबी कार्रवाई में अपराधी की मौत हो गई
पुलिस का आरोपों से इनकार
इस संबंध में शामली के एसपी एनपी सिंह ने डॉक्टर चौधरी के आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए खारिज कर दिया।उन्होंने कहा, ‘सभी मुठभेड़ मामलों को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से निपटाया जाता है. पोस्टमार्टम अनिवार्य वीडियोग्राफी के साथ डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया जाता है।’
बताया जा रहा है कि चौधरी ने कोतवाली थाने के बाहर स्वास्थ्यकर्मियों के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ये आरोप लगाए।खबर है कि डॉक्टर चौधरी के सरकारी आवास से 21 अक्टूबर को हुई 5 लाख रुपये की चोरी के मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से अब तक यूपी में 15,726 मुठभेड़ें दर्ज की गई हैं, जिनमें 256 लोग मारे गए और 10,324 घायल हुए हैं। मेरठ ज़ोन, जिसमें शामली भी शामिल है, 4,453 मुठभेड़ों, 85 लोगों की मौत और 3,131 लोगों के घायल होने के साथ प्रदेश में सबसे ऊपर है।

