[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
राजधानी में रात साढ़े 12 बजे धरना दे रहे नि:शक्तों काे कार्रवाई का डर दिखाकर भेजा अभनपुर, देखें वीडियो
पहलगाम हमले के हीरो नजाकत अली का छत्तीसगढ़ में जोरदार स्वागत, लोगों ने कहा – ‘मानवता का नायक’
2022 में दम घोंटती हवा में भारत में मर गए 17 लाख लोग
नागपुर में हाईवे पर क्‍यों उतर गए किसान, लग गया 20 किलोमीटर लंबा जाम?
चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक में SIR का विरोध, माकपा ने उठाए सवाल
सीजफायर के बाद भी गजा पर इजरायली हमले, 104 लोगों की मौत
सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘असहमति को दबाने की सोची-समझी कोशिश हो रही है’
ट्रंप का नया दावा : 250 फीसदी टैरिफ की धमकी के बाद रुका भारत-पाकिस्‍तान युद्ध
राज्योत्सव के पहले निःशक्त जनों का आंदोलन
राहुल ने कहा – वोट के लिए डांस भी करेंगे पीएम, बीजेपी का पलटवार – बताया लोकल गुंडा
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

गजा में इस्राइल का ताजा हमलाः संघर्ष विराम के नाम पर छलावा

Editorial Board
Editorial Board
Published: October 29, 2025 8:41 PM
Last updated: October 29, 2025 9:05 PM
Share
Israel Gaza conflict
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर तीन हफ्ते पहले इस्राइल और हमास के बीच हुए संघर्ष विराम को लेकर जो आशंकाएं जताई जा रही थीं, दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वह सच साबित हो रही हैं।

इस कथित संघर्ष विराम के लागू होने के महज तीन हफ्ते बाद ही इस्राइल के गजा पर किए गए भीषण हमले में सौ से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें 46 बच्चे शामिल हैं।

सात अक्टूबर, 2023 को हमास के इस्राइली नागरिकों पर किए गए हमले और अपहरण के बाद बीते दो सालों में इस्राइल के हमले का आसान निशाना बच्चे और महिलाएं ही बनीं हैं। इस युद्ध ने गजा को भीषण मानवीय संकट में डाल दिया है और ताजा हमले से साफ है कि संघर्ष विराम सिर्फ छलावा ही साबित हुआ है।

गजा और फलस्तीनियों को लेकर इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के इरादों में कोई फर्क नहीं आया है। जबकि होना तो यह चाहिए था कि संघर्ष विराम के बाद इस क्षेत्र में इस्राइल-फलस्तीन विवाद के टिकाऊ समाधान के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाई जातीं।

दरअसल जिस तरह से डोनाल्ड्र ट्रंप ने शांति के नोबेल की चाहत में आनन-फानन में संघर्ष विराम का ऐलान किया, उससे ही साफ था कि वह जैसे-तैसे कुछ समय तक हिंसा को टालना चाहते हैं।

इस मामले में यह भी अहम है कि अमेरिका की भूमिका इसमें तटस्थ नहीं रही है, डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू एक दूसरे के सहयोगी हैं। वह कह चुके हैं कि इस्राइल को बदला लेने का पूरा हक है। ऐसे में क्या यह याद दिलाने की जरूरत है कि फलस्तीन की समस्या की जड़ ही इस्राइल की विस्तारवादी नीति है, जिसके चलते वह पूरे गजा पर कब्जा करना चाहता है।

यह भी दोहराने की जरूरत नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयास में 1993 के ओस्लो-1 समझौते जैसी ईमानदारी भी कहीं नजर नहीं आई, जिसमें दो राष्ट्र सिद्धांत को न केवल मंजूरी दी गई थी, बल्कि इसका रोड मैप भी सामने रखा गया था। यह दुखद है कि यह समझौता कहीं बहुत पीछे छूट गया है, जिसमें इस्राइल को 1967 के छह दिनों के युद्ध के दौरान कब्जा किए गए क्षेत्रों से वापस लौटना था।

दरअसल पश्चिम एशिया के इस क्षेत्र में शांति स्थापित किए जाने के लिए जिस तरह की ईमानदारी की दरकार है, वैसा कुछ हाल के प्रयासों में नजर नहीं आया है।

यह भी सच है कि हाल के समय में इस्राइल की ताकत तो बढ़ती गई है, दूसरी ओर फलस्तीनी न केवल कमजोर हुए हैं, उनके सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। इस्राइल पर अंकुश लगाए बिना वहां शांति की कल्पना नहीं की जा सकती।

यह भी पढ़ें : सीजफायर के बाद भी गजा पर  इजरायली हमले, 104 लोगों की मौत

TAGGED:Editorial
Previous Article Sonam Wangchuk सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘असहमति को दबाने की सोची-समझी कोशिश हो रही है’
Next Article Israeli Gaza war सीजफायर के बाद भी गजा पर इजरायली हमले, 104 लोगों की मौत
Lens poster

Popular Posts

रायपुर एयरपोर्ट विस्तार पर 13 साल बाद हाई कोर्ट फैसला, प्रति हेक्टेयर 25 लाख का मुआवजा

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रायपुर एयरपोर्ट विस्तार को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है।…

By Lens News

ईरान की विविधता को बचाया खामनेई ने, तो इसी विविधता ने बचाया खामनेई को…

ईरान में यूं तो बहुत से धर्म और वर्ग के लोग हैं। उनके बीच तमाम…

By हफीज किदवई

“मछली ब्रदर्स”: गुड़, गुलगुले और बीजेपी

पिछले एक-डेढ़ माह से सोशल मीडिया पर भोपाल के “मछली ब्रदर्स” का बड़ा शोर है।…

By राजेश चतुर्वेदी

You Might Also Like

CG Congress
लेंस संपादकीय

कांग्रेस की ‘चमचा संस्कृति’ के लिए कौन है जिम्मेदार

By Editorial Board

शर्मनाक !

By The Lens Desk
MNREGA in West Bengal
लेंस संपादकीय

मनरेगा पर हाई कोर्ट का अहम फैसला

By Editorial Board
labor day
English

May Day is solidarity day

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?