रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार दौर में चर्चित डीएमएफ घोटाले में बुधवार को राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने प्रदेशभर में छापा मारा है। डीएमएफ फंड के दुरुपयोग और फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों के घाेटाले से यह कार्रवाई जुड़ी है। इस बार ब्यूरो ने डीएमएफ के तहत सप्लाई करने वाले कारोबारियों को निशाना बनाया है।
बुधवार सुबह ब्यूरो की टीम ने रायपुर, दुर्ग – भिलाई, राजनांदगांव और धमतरी में सुबह एक साथ दबिश दी है। रायपुर में 5, दुर्ग में 2, राजनांदगांव में 4 और धमतरी के कुरुद में एक ठिकानें पर दबिश दी है। छापे की कार्रवाई अभी भी चल रही है। ब्यूरो की टीम इन ठिकानों से डीएमएफ घोटाले से जुड़े दस्तावेज और डिवाइस को जब्त कर रही है।
ब्यूरो के अफसरों के मुताबिक, कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों पर यह शिकंजा कसा है। ब्यूरो की टीम इन लोगों से पूछताछ भी कर रही है।
रायपुर में वॉलफोर्ट एन्क्लेव में अशोक कोठारी के घर दबिश दी गई है। अशोक और उनके परिवार के ठिकानों पर ब्यूरो की टीम पहुंची। दुर्ग में कारोबारी नीलेश पारख के घर दबिश दी। इन सबने ही डीएमएफ के तहत सामग्रियों की सप्लाई की थी।
इसके अलावा राजनांदगांव में कोयला कारोबारी राधाकृष्ण अग्रवाल, किराया सामग्री सप्लायर ललित भंसाली और इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों के सप्लायर यश नाहटा के ठिकानों पर दबिश दी है। इन तीनों ने डीएमएफ के तहत स्कूलों में सप्लाई की थी।
धमतरी में टीम ने ठेकेदार अभिषेक त्रिपाठी के मकान में दबिश दी।
छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं। कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों से पूछताछ भी की जा रही है।
ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के बाद दस्तावेजों की जांच की जा रही है और प्रारंभिक जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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