Maharashtra Doctor Suicide Case: महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार और आत्महत्या की घटना पिछले कई दिनों से चर्चा में है। 24 अक्टूबर शुक्रवार को हुई इस घटना के बाद कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाये है। पार्टी का कहना है कि गृह विभाग ‘दिवालिया’ हो चुका है और कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। डॉक्टर के परिवार ने पुलिस और राजनीतिक दबाव का आरोप लगाया है, जबकि सरकार ने दोषियों को कड़ी सजा देने का वादा किया है।
दबाव में फंसी थी डॉक्टर
सतारा के एक अस्पताल में कार्यरत यह महिला डॉक्टर पिछले एक साल से भारी दबाव झेल रही थीं। मीडिया रिपोर्ट्स में उनके चचेरे भाई द्वारा दिए बयान के मुताबिक, महिला डॉक्टर को गलत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करने और फिटनेस सर्टिफिकेट जाली बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। अस्पताल में अन्य डॉक्टर मौजूद होने के बावजूद उन्हें लगातार ज्यादा पोस्टमॉर्टम करने पड़ते थे। चचेरे भाई ने कहा, ‘महिला डॉक्टर पर बहुत ज्यादा पुलिस और राजनीतिक दबाव था। वे इसकी शिकायत करने की कोशिश कर रही थीं। उन्हें न्याय मिलना चाहिए।”
24 अक्टूबर शुक्रवार को उन्होंने आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट लिखा, जिसमें एक पुलिस अधिकारी और दो अन्य लोगों का नाम लिया गया। परिवार को शक है कि एक और सुसाइड नोट भी हो सकता है जिसमें उनकी परेशानियां लिखी गई हों। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फाइमा) ने इस घटना की निंदा की है और तुरंत पारदर्शी जांच की मांग की है। एक रिश्तेदार ने मीडिया से कहा “दोषियों को सबसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।”
आरोपी गिरफ्तार,पुलिस अधिकारी निलंबित
पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है,पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडने और प्रशांत बनकर। सुसाइड नोट में नामित पीएसआई बडने को निलंबित कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं। सतारा पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है।
राजनीतिक बवाल
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र का गृह विभाग दिवालिया हो चुका है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह ढह गई है, आम लोग पुलिस स्टेशन जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते, पुलिस वाले गुंडागर्दी पर उतर आए हैं।” कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस पर भरोसा उठ चुका है और ऐसी घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ी कर रही हैं।
उधर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। यह घटना निंदनीय और दुखद है। किसी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा, कड़ी सजा मिलेगी और मामला फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जाएगा।” दूसरी तरफ महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा गोपीनाथ मुंडे फलटन पहुंचीं और पीड़ित परिवार से मिलीं। उन्होंने न्याय का भरोसा दिलाया।
यह घटना महाराष्ट्र में डॉक्टरों पर हो रहे अत्याचारों की एक कड़ी लग रही है। परिवार का कहना है कि अस्पताल के मेडिकल स्टाफ भी इस दबाव में शरीक थे। फाइमा ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं की जांच निष्पक्ष हो और दोषियों को तुरंत सजा मिले। राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है, और यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।

