रांची। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित पांच बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के मामले में सीएम ने जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा राज्यव्यापी ब्लड बैंक ऑडिट का आदेश दिया है।
पिछले तीन वर्षों (2023-2025) में प्रभावित बच्चों को चढ़ाए गए रक्त के लिए 256 दानदाताओं का पता लगाया जा रहा है। इनकी दोबारा HIV जांच होगी, और ब्लॉक-स्तरीय चिकित्सा अधिकारियों को सूची सौंपी गई है। अक्टूबर में ही चार HIV-संक्रमित रक्त इकाइयों को फेंक दिया गया था। सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कराने का आदेश दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट पांच दिनों में प्रस्तुत करनी होगी।
मामला तब उजागर हुआ जब एक सात वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल के ब्लड बैंक से चढ़ाए गए रक्त के कारण बच्चा HIV पॉजिटिव हो गया। जांच के दौरान चार और बच्चे HIV संक्रमित पाए गए, जिससे कुल प्रभावित बच्चों की संख्या पांच हो गई।
अस्पताल में कुल 56 थैलेसीमिया मरीज दर्ज हैं, जो नियमित रूप से रक्त चढ़वाते हैं। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि संक्रमित रक्त ही कारण है, हालांकि कुछ अधिकारी संक्रमण के अन्य स्रोतों जैसे दूषित सुइयों की भी जांच की बात कह रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य प्रक्रिया में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने प्रभावित प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है और संक्रमित बच्चों के पूरे उपचार का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। सभी प्रभावित बच्चे अब एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) पर हैं और चिकित्सकीय निगरानी में हैं।
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बताया कि एक महीने के अंदर सभी जांच पूरी होने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि संक्रमण अस्पताल से हुआ या कहीं और से। उन्होंने जोर दिया कि ब्लड सेफ्टी में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
अब तक क्या कार्रवाई हुई
सीएम के आदेश पर वेस्ट सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माजही सहित दो अन्य डॉक्टरों और ब्लड बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
रांची से पांच सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. दिनेश कुमार कर रहे हैं। टीम ने 25 अक्टूबर को ब्लड बैंक और पीडियाट्रिक आईसीयू का निरीक्षण किया, जहां ब्लड बैंक में अनियमितताएं पाई गईं। प्रारंभिक रिपोर्ट में संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने की पुष्टि हुई है। केंद्र से भी एक जांच टीम पहुंची है।
झारखंड हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए गहन जांच के आदेश दिए हैं, जो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सख्ती का संकेत है। हालांकि, हालिया अपडेट्स में अदालती कार्रवाई का विस्तार नहीं आया है, लेकिन यह जांच प्रक्रिया को और मजबूत करेगा।

