नई दिल्ली। दीपावली और छठ पूजा पर भारतीय रेलवे ने रिकॉर्ड 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान किया था, जो करीब तीन करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को सुविधा देने वाली थीं। लेकिन हकीकत में ये प्रयास यात्रियों की उमड़ी लहर के आगे फीके पड़ गए।
छठ पूजा के मौके पर घर लौट रहे यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली, मुंबई, लुधियाना, अगरतला जैसे शहरों से बिहार की ओर आने वाली कई छठ विशेष ट्रेनें कई घंटों की देरी से चल रही हैं। पटना, दानापुर, राजेंद्र नगर और भागलपुर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें अपने निर्धारित समय से बहुत पीछे हैं।
मुंबई से रक्सौल जाने वाली रक्सौल छठ विशेष ट्रेन 36 घंटे से ज्यादा देरी से चलीं। इसी तरह, अगरतला-मुंबई एलटीटी एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, जो पटना और दानापुर से होकर गुजरती है, 29 घंटे से अधिक लेट रही।
लुधियाना-सुपौल जनसाधारण छठ विशेष ट्रेन 12 घंटे की देरी से चली, जबकि सहरसा-मुंबई एलटीटी छठ विशेष ट्रेन 16 घंटे लेट रही। भागलपुर गरीब रथ एक्सप्रेस, जो आनंद विहार से दानापुर, पटना जंक्शन और राजेंद्र नगर होते हुए भागलपुर जाती है, उसने 10 घंटे से अधिक ले लिए।
ट्रेनों के देर होने से पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल और दानापुर स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई।
उत्तर प्रदेश के मुगलसराय (डीडीयू) रेलवे स्टेशन पर भी छठ पूजा के दौरान बिहार जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देगी गई। दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई और मुंबई से आने वाली ट्रेनों के जनरल और स्लीपर कोच में यात्री एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर सफर करने को मजबूर हुए।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन, जो हावड़ा रेल रूट का अहम स्टेशन है, वहां भी यात्रियों की भीड़ रही। आरपीएफ, जीआरपी और रेलवे प्रशासन को यात्रियों को व्यवस्थित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अतिरिक्त प्रसाय करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर लोग क्या कह रहे हैं
छठ पर ट्रेनों की दशा को लेकर यात्रियों का गुस्सा सोशल मीडिया पर दिख रहा है। यात्रा के दौरान ही यात्री पोस्ट कर ट्रेनों की देरी और दूसरी परेशानियों की जानकारी दे रहे हैं। देखिए कुछ पोस्ट:

1,500 विशेष ट्रेनें चलाने का ऐलान
इस बीच रेलवे ने अगले पांच दिनों में 1,500 विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है, ताकि यात्री सुरक्षित और सुगमता से अपने घर पहुंच सकें।
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह कदम छठ पूजा के दौरान यात्रियों की भारी संख्या को देखते हुए उठाया गया है। मंत्रालय का कहना है कि इन ट्रेनों का उद्देश्य त्योहारी सीजन में भीड़ को नियंत्रित करना और यात्रियों को आरामदायक सफर प्रदान करना है।
मंत्रालय ने बताया कि 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 के बीच 61 दिनों में कुल 12,000 से ज्यादा विशेष ट्रेनें चलाने की योजना है। अब तक 11,865 ट्रिप्स (916 ट्रेनों) की घोषणा हो चुकी है, जिनमें 9,338 आरक्षित और 2,203 अनारक्षित ट्रिप्स शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर यात्रियों को मिल रही सुविधाओं को दिखाने के लिए अभियान छेेेड़ दिया है। जिसमें रेलवे के इंतजामों की तारीफ करते हुए पोस्ट की जा रही हैं।
आप भी देखिए रेल मंत्रालय की पोस्ट में क्या दावे किए जा रहे हैं।

