समस्तीपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली जनसभा की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम से की। जहां उन्होंने खुद को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर को पिछड़े समुदाय से आने वाला बताकर लोगों से भावनात्मक जुड़ाव की कोशिश की।
मोदी ने कहा कि उन्हें कर्पूरी ग्राम में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद से ही आज उनके जैसे, नीतीश कुमार और रामनाथ ठाकुर जैसे लोग, जो गरीब और पिछड़े परिवारों से हैं, बड़े मंचों पर हैं।
उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने गरीबों और वंचितों को नए अवसर देने में अहम भूमिका निभाई। उनकी सरकार को कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का गौरव प्राप्त हुआ, जो सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गरीबों की सेवा को प्राथमिकता देती है। पक्के मकान, मुफ्त अनाज, मुफ्त इलाज, शौचालय और नल से जल जैसी सुविधाएं गरीबों को सम्मानजनक जीवन देने का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने कर्पूरी ठाकुर के सामाजिक न्याय के रास्ते को सुशासन का आधार बनाया और दलितों, महादलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के कल्याण को प्राथमिकता दी। उन्होंने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को भी अपनी सरकार की उपलब्धि बताया।
मोदी ने छोटे किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले छोटे किसानों को सरकारी मदद या बैंक सुविधाएं नहीं मिलती थीं। लेकिन एनडीए सरकार ने बिहार के छोटे किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि के तहत 28 हजार करोड़ रुपये जमा किए।
उन्होंने विपक्षी दलों राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार होती तो यह पैसा जनता तक नहीं पहुंचता। उन्होंने राजद और कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाया और कहा कि ये दल बिहार के विकास के बजाय अपने परिवार के हितों को प्राथमिकता देते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि बिहार की जनता, जो आर्यभट्ट की धरती से है, इनके झूठे वादों को समझती है।
प्रधानमंत्री ने राजद शासनकाल की आलोचना करते हुए कहा कि उस दौरान हत्या, अपहरण और फिरौती जैसे अपराध आम थे, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं, युवाओं, दलितों और पिछड़ों को हुआ। उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस के शासन में नक्सलवाद भी बढ़ा, जिससे लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया था।
उन्होंने 2014 के बाद अपनी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि एनडीए ने नक्सलवाद और माओवाद को कमजोर किया है और जल्द ही बिहार को इस आतंक से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने इसे अपनी गारंटी बताया।

