लेंस डेस्क। दिल्ली हवाई अड्डे पर लंदन की प्रख्यात हिंदी और उर्दू साहित्य विशेषज्ञ प्रोफेसर फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को भारत में प्रवेश से रोक दिया गया। अधिकारियों के अनुसार उन्होंने पर्यटक वीजा का उपयोग करके शोध कार्य किया, जो वीजा नियमों का उल्लंघन है।
इस वजह से उन्हें मार्च में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी देश को विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाने का पूर्ण अधिकार है।
सोमवार को प्रोफेसर ऑर्सिनी, जो चीन में एक शैक्षणिक सम्मेलन में हिस्सा लेकर हांगकांग से दिल्ली पहुंची थीं, उनको प्रवेश से वंचित कर दिया गया। उन्हें इस रोक के कारणों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
यह घटना अब सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चर्चा में है, और विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना शुरू कर दी है। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने एक्स पर लिखा कि यह घटना स्तब्ध करने वाली और दुखद है।
उन्होंने कहा कि प्रोफेसर ऑर्सिनी एक विश्व-प्रसिद्ध विद्वान हैं, जिन्हें वैध वीजा के बावजूद देश में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उन्होंने मोदी सरकार पर भारत की उदार और उत्कृष्ट विद्वता को नष्ट करने का आरोप लगाया।
फ्रांसेस्का ऑर्सिनी कौन हैं?
फ्रांसेस्का ऑर्सिनी लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज, कल्चर्स एंड लिंग्विस्टिक्स में हिंदी और दक्षिण एशियाई साहित्य की प्रोफेसर एमेरिटा हैं। वह हिंदी और उर्दू साहित्य की विशेषज्ञ हैं और दक्षिण एशिया की बहुभाषी साहित्यिक परंपराओं पर शोध करती रही हैं।
उनके प्रमुख कार्यों में ‘ईस्ट ऑफ दिल्ली: मल्टीलिंगुअल लिटरेरी कल्चर एंड वर्ल्ड लिटरेचर’, ‘प्रिंट एंड प्लेजर: पॉपुलर लिटरेचर एंड एंटरटेनिंग फिक्शन्स इन कॉलोनियल नॉर्थ इंडिया’, और ‘द हिंदी पब्लिक स्फीयर 1920–1940: लैंग्वेज एंड लिटरेचर इन द एज ऑफ नेशनलिज्म’ शामिल हैं।
मौजूदा समय में वह SOAS में कार्यरत हैं और पहले कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ा चुकी हैं। 2017 में उन्हें ब्रिटिश एकेडमी का फेलो चुना गया, जो उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों का सम्मान है।
आर वीजा के नियम
भारत में शोध के लिए विदेशी नागरिकों को ‘आर’ वीजा लेना अनिवार्य है। इसके लिए शोध का विषय, भारत में दौरा किए जाने वाले स्थान, पिछली यात्राओं का विवरण, किसी मान्यता प्राप्त भारतीय संस्थान से संबद्धता का प्रमाण और वित्तीय संसाधनों की जानकारी देनी होती है। इन नियमों का पालन न करने पर वीजा रद्द हो सकता है या प्रवेश पर रोक लग सकती है।

