रायपुर। एक प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर ‘अर्बन नक्सलिज्म’ को बढ़ावा देने और उनके द्वारा की गई हिंसा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। पीएम के इस आरोप के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट किया।
पूर्व सीएम ने एक्स पर लिखा, ‘कितना छोटा दिल है प्रधानमंत्री जी! छत्तीसगढ़ की जनता जानती है कि आज अगर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं तो वह कांग्रेस सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति और हमारे ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ के सूत्र के कारण ही यह संभव हो पाया है।’
भूपेश बघेल ने आगे लिखा, ‘ऐसे समय में जब माओवाद कमजोर हो रहा है तब भी आप कांग्रेस को नक्सलवाद से जोड़कर जो छींटाकशी कर रहे हैं, वह दिखाता है कि आपके लिए देश की आंतरिक सुरक्षा से ज्यादा विपक्ष पर झूठे आरोप लगाने में रूचि है। हमने तो केंद्रीय गृहमंत्री को भी इस लड़ाई में हमारा सहभागी बनने के लिए आभार किया है।’
भूपेश आगे लिखते हैं, ‘आप लोगों को छत्तीसगढ़ की जनता बखूबी देख सुन रही है। मत भूलिए कि नक्सलवाद और आतंकवाद की सबसे ज़्यादा कीमत कांग्रेस ने ही चुकाई है. हमारे सारे बड़े नेता एक कथित नक्सल हमले में मारे गए। उस कथित नक्सल हमले की जांच को हर बार रोका आपकी ही पार्टी के नेताओं ने।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में भाजपा की 15 वर्ष की सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा, ‘बस्तर ने जो दंश झेला है उसकी जिम्मेदार 15 साल तक रही छत्तीसगढ़ में रही भाजपा सरकार है। जो अब हुआ वो तब क्यों नहीं हुआ? केंद्र में आपकी सरकार आने के बावजूद नहीं हुआ।’
अपनी पोस्ट में पूर्व सीएम ने दावा किया, ‘बस्तर को खुशहाल बनाने का काम कांग्रेस ने शुरु किया और आगे भी इसे जारी रखेगी। लेकिन, माओवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाकर छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ दोहरी राजनीति न कीजिए। हम छत्तीसगढ़ के लोग शांति स्थापित करके, अपना खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाएंगे।’
आखिर में भूपेश बघेल ने लिखा, ‘और हां! नक्सल मुक्ति के नाम पर हम आपको बस्तर बेचने नहीं बनने देंगे, ये भी सनद रहे।’
पूर्व मुख्यमंत्री के पोस्ट का वन मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि देश की सुरक्षा पर कांग्रेस दोहरी राजनीति न करें। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता कल इसे एक इवेंट बता रहे थे। आपकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष असली-नकली नक्सली का प्रश्न पैदा कर इस लड़ाई को कमजोर करने में अपनी भूमिका निभा रहे थे।
इसके साथ ही केदार कश्यप ने सलवा जुडूम का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने महेंद्र कर्मा और सलवा जुडूम का साथ दिया होता, तो लड़ाई इतनी लंबी न होती।
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