रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के खिलाफ लगाई याचिका छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। चैतन्य ने अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
चैतन्य की याचिका को हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि जांच और गिरफ्तारी पर हस्तक्षेप करने का कोई उचित आधार नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि चैतन्य के खिलाफ ईडी की कार्रवाई कानूनी प्रक्रियाओं के तहत की गई थी।
आपको बता दें कि शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने चैतन्य को गिरफ्तार किया था।
चैतन्य बघेल ने ईडी की कार्रवाई को नियम विरुद्ध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की थी।
इस मामले में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 24 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे 17 अक्टूबर को सुनाया गया है।
ईडी ने दावा किया है कि शराब घोटाला और उसे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले थे। इस रकम को चैतन्य ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश किया। साथ ही हवाला कारोबार के जरिए 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की।
कोर्ट में ED के वकील सौरभ पाण्डेय ने बताया था कि शराब घोटाले की जांच में ऐसे साक्ष्य मिले, जिसमें चैतन्य बघेल तक बहुत सारे पैसे पहुंचे। इसके अलावा उन पैसों की लेयरिंग भी की। ये करीब 1000 करोड़ रुपए थे। इसके बाद भूपेश बघेल के करीबी पप्पू बंसल ने अपने बयान में खुलासा किया है।
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