नई दिल्ली। भारी आरोप प्रत्यारोप, हड़कंप, उदासी और उल्लास के मिले जुले माहौल में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 121 सीटों पर प्रथम चरण का नामांकन पूरा हो चुका है।
गजब यह रहा कि एक माह पहले तक बिहार में वोटर अधिकार यात्रा से एनडीए की नींद उड़ा देने वाला महागठबंधन प्रथम चरण का नामांकन खत्म होने के बावजूद टिकटों का बंटवारा नहीं कर पाया।
कांग्रेस या राजद की ओर से जो टिकट बांटे गए उनको लेकर कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। इन सबका नतीजा यह हुआ है कि यात्रा का पूरी गर्माहट उतरती नजर आ रही है।
दूसरी तरफ एनडीए ने भीतरी खींचतान और भीतरघात के बावजूद अपने उम्मीदवारों की घोषणा समय से कर ली।
कांग्रेस ने बिना घोषणा किए बांटे टिकट
कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार देर शाम तक लगभग 57 सीटों पर उम्मीदवारों को टिकट बांटे। जिनमें से केवल 48 सीटों पर ही उम्मीदवारों की घोषणा हुई। बाकी 9 सीटों पर सीधे उम्मीदवारों को बुलाकर टिकट थमा दिए गए।
यकीनन कई सीटों पर अप्रत्याशित उम्मीदवारों को टिकट दिया गया। कई जीते हुए उम्मीदवारों के टिकट काट दिए गए। नतीजा यह हुआ कि तारिक अनवर समेत कई कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता खुलकर नाराजगी दर्शाते नजर आए।
यह चर्चा आम रही कि कई टिकट के सी वेणुगोपाल ने अपने मन से दबाव देकर दिलवाया है। जैसे कि योगेन्द्र यादव से जुड़े और कुछ महीनों पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए अनुपम सिंह को टिकट दिलवा दिया गया।
बेनतीजा रही महागठबंधन की आंतरिक बैठकें
कमोवेश यह स्थिति राजद में रही। तमाम नेताओं ने राजद पर पैसे के बदले टिकट बांटने का खुल्लम खुल्ला आरोप लगाया। लालगंज में बाहुबली राजद नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को राजद की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया है।
24 घंटे पहले शिवानी तेजस्वी यादव पर पैसे के बदले टिकट बांटने का आरोप लगा रही थी। गजब यह है कि इसी सीट से कांग्रेस ने आदित्य कुमार को टिकट दिया है।पिछले 8-10 दिनों से पटना से दिल्ली तक राजद और कांग्रेस के बीच माथापच्ची चलती रही, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
अब राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, पवन खेड़ा रूठे हुए नेताओं को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह कोशिश पार्टी के भीतर भी है बाहर भी।
एक दर्जन सीटों पर आपस में लड़ेंगे महागठबंधन के उम्मीदवार
मुकेश साहनी को राज्यसभा सीट देने का वायदा कर दिया गया है, सीपीआई नेताओं से राहुल ने खुद भी बात की है। हालात ऐसे बन गए कि एक दर्जन सीटों पर महागठबंधन की पार्टियां आमने-सामने हैं।
इसमें 5 पर कांग्रेस और राजद दोनों ने प्रत्याशी उतार दिए हैं। वहीं 3 पर सीपीआई और कांग्रेस ने उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है। एक सीट पर वीआईपी और राजद के उम्मीदवार आमने-सामने हैं।
जाले, वैशाली, लालगंज, वारसलिगंज में कांग्रेस और राजद दोनों की दावेदारी सामने आ रही है। सिमरी बख्तियारपुर की सीट को लेकर राजद और वीआईपी आमने-सामने हो गए हैं।
शाह से मुलाकात में भी नहीं सुलझी एनडीए की लड़ाई
एनडीए में सीटों का बंटवारा सभी 243 सीटों पर हो गया है। भाजपा, जदयू, लोजपा (रा), हम और रालोमो ने अपनी-अपनी तय सीटों पर प्रत्याशी भी उतार दिए हैं। मगर आपसी गतिरोध ज्यों का त्यों बना हुआ है।
आज अमित शाह ने पटना में नीतीश कुमार से मुलाकात की है लेकिन नीतीश ने उन सीटों पर कोई प्रतिक्रिया दर्ज नहीं कराई है जिन सीटों पर वो चिराग पासवान के उम्मीदवारों को चुनौती देने के लिए अपने उम्मीदवार उतार चुके हैं।
सिर्फ जनता दल यूं ने ही नहीं चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के बीच तनातनी बदस्तूर जारी है। मांझी ने तो मखदुमपुर और बोधगया सीट पर चिराग के उम्मीदवार के खिलाफ प्रत्याशी उतारने की भी घोषणा कर दी है। अमित शाह की तमाम कोशिशों के बावजूद यह मसला नहीं सुलझ पाया है।
भाजपा में भी एक दर्जन बागी
भाजपा में दर्जन भर ऐसे नेता हैं, जिन्होंने टिकट कटने के बाद पार्टी के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया है। जदयू, कांग्रेस और राजद में भी ऐसी लंबी फेहरिस्त है।
ऐसे नेताओं में पूर्व मंत्री और दिनारा से विधायक रहे जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री और जमालपुर से विधायक रहे शैलेश कुमार, गोपालपुर के विधायक रहे गोपाल मंडल, बरबीघा के विधायक रहे सुदर्शन कुमार, सिकटा के पूर्व विधायक खुर्शीद आलम व वरिष्ठ नेत्री आसमां परवीन प्रमुख हैं। अब यह लोग घोषित उम्मीदवारों को हरवाने का काम करेंगे।
बागी निर्दलीय बनकर बिगाड़ेंगे काम
भाजपा में अलीनगर से प्रत्याशी मैथिली ठाकुर को लेकर भी स्थानीय कार्यकर्ता एकजुट नहीं हैं। मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ने का एलान कर चुके हैं।
बक्सर, रोहतास और औरंगाबाद से टिकट बंटवारे से नाराजगी के बाद पार्टी के नेता निर्दलीय उतरने की तैयारी कर रहे। भागलपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे और वरिष्ठ नेता प्रशांत विक्रम निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
छपरा की पूर्व मेयर राखी गुप्ता ने भाजपा से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतरने का एलान किया है। राजद में भी कम से कम एक दर्जन बागी उम्मीदवार हैं।

