लेंस डेस्क। गुजरात में सीएम भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार ने नया मंत्रिमंडल गठित कर दिया है। 26 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित पटेल समुदाय से आठ, ओबीसी से आठ, अनुसूचित जाति से तीन, अनुसूचित जनजाति से चार और तीन महिला मंत्री हैं। इस बार 19 नए चेहरों को मौका दिया गया है।
शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले हर्ष संघवी ने शपथ ली, जिन्हें उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। वह पहले गृह राज्य मंत्री थे। क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

इससे पहले गुरुवार को सभी 16 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंपा था। इस बदलाव को 2027 के विधानसभा चुनाव की रणनीति से जोड़ा जा रहा है। पहले मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 17 मंत्री थे, जिनमें आठ कैबिनेट और आठ स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री थे। अब मंत्रियों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
भूपेंद्र पटेल सितंबर 2021 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब विजय रूपाणी को अचानक हटाया गया था। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद 12 दिसंबर को वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बने और 16 विधायकों को मंत्री बनाया गया। अब नया मंत्रिमंडल गठित हुआ है।
मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा गया है। सौराष्ट्र-कच्छ से नौ, मध्य गुजरात से छह, उत्तर गुजरात से पांच और दक्षिण गुजरात से चार विधायकों को मंत्री बनाया गया है। अहमदाबाद से दर्शना वाघेला को मंत्रिपद मिला है।
जामनगर नॉर्थ की विधायक रिवाबा जडेजा भी नई मंत्री हैं। वह 2022 में पहली बार विधायक बनी थीं और क्षत्रिय समुदाय से हैं। वह जल्द ही अन्य नए मंत्रियों के साथ शपथ लेंगी।
क्या रही वजह?
भाजपा ने गुजरात में अपनी पूरी सरकार क्यों बदली, यह एक बड़ा सवाल है। जानकारों का मानना है कि आगामी नगर निगम चुनाव इस बदलाव की मुख्य वजह हैं। अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, जूनागढ़ और गांधीनगर जैसे शहरों में होने वाले ये चुनाव ‘मिनी विधानसभा चुनाव’ माने जा रहे हैं।
भाजपा, जो शहरी क्षेत्रों में हमेशा मजबूत रही है, इन चुनावों में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है। इस बदलाव को अंतिम रूप रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य नेताओं की बैठक में दिया गया।
भाजपा ने हाल ही में सीआर पाटिल की जगह जगदीश विश्वकर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जो पहले सहकारिता मंत्री थे। इसके अलावा, मंत्रिमंडल में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए नई टीम तैयार करना भी इस फेरबदल का उद्देश्य है।
भाजपा ने पहले भी 2021 में विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली सरकार को बदलकर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया था। उस समय पुराने मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को मौका दिया गया, जिसका फायदा 2022 के चुनाव में मिला। तब सत्ता में लंबे समय तक रहने के बावजूद भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं बनी और उसने शानदार जीत हासिल की। अब भाजपा ताजा चेहरों के साथ स्थानीय और विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर रही है।
ये बनाए गए नए मंत्री

जयराम गामित, नजर
दर्शना वाघेला, आसारवा
प्रद्युमन वाजा, कोडीनार
मनीषा वकील, वडोदरा शहर
रिवाबा जडेजा, जामनगर
ईश्वरसिंह पटेल, अंकलेश्वर
जीतू वाघाणी, भावनगर पश्चिम
नरेश पटेल, गणदेवी
पीसी बरंडा, धोलका
प्रवीण माली, डीसा
त्रिकम चांगा, अंजार
स्वरूपजी ठाकोर, वाव
कौशिक वेकरिया, अमरेली
अर्जुन मोढवाडिया, पोरबंदर
कांतिलाल अमृतिया, मोरबी
रमेश कटारा, फतेपुरा
संजयसिंह महीडा, महुधा
रमण सोलंकी, बोरसद
कमलेश पटेल, पेटलाद

