सिंगापुर। 2025 के हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में भारत 80 से 85वें स्थान पर पहुंच गया है, जहां भारतीय पासपोर्ट धारकों को 57 देशों में बिना वीजा यात्रा की सुविधा है। पिछले साल भारत 80वें स्थान पर था, जब 62 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा संभव थी।
इस साल सिंगापुर का पासपोर्ट 193 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद दक्षिण कोरिया और जापान का स्थान आता है। यूरोप के देश जैसे जर्मनी, इटली, स्पेन और स्विट्जरलैंड भी शीर्ष 10 में हैं। पहली बार अमेरिका इस सूची से बाहर हो गया है।
भारतीय नागरिक 12 देशों में बिना वीजा जा सकते हैं, जिनमें भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया, मॉरिशस और ट्रिनिडाड जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा 27 देश जैसे श्रीलंका, मालदीव, जॉर्डन, कतर, बोलिविया, कंबोडिया, इथियोपिया, म्यांमार, तंजानिया और मंगोलिया, वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देते हैं।
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स देशों को उनके पासपोर्ट की गतिशीलता के आधार पर वैश्विक स्तर पर रैंक करता है। इसे 2005 में हेनली एंड पार्टनर्स वीजा रेस्ट्रिक्शंस इंडेक्स के रूप में शुरू किया गया था और जनवरी 2018 में इसे हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के नाम से अपडेट किया गया।
पड़ोसी देशों का हाल
भारत के पड़ोसी देशों में भूटान 92वें स्थान पर है, जहां के नागरिक 50 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं। नेपाल 101वें स्थान पर है और 36 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा देता है। बांग्लादेश 100वें स्थान पर है, जिसके नागरिक 38 देशों में बिना वीजा जा सकते हैं। पाकिस्तान 103वें स्थान पर है, जहां से केवल 31 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा संभव है।
सूची में सबसे नीचे अफगानिस्तान है, जिसके नागरिक सिर्फ 24 देशों में बिना वीजा जा सकते हैं। इसके बाद सीरिया (26 देश) और इराक (29 देश) का स्थान है।
सिंगापुर अव्वल, चीन की प्रगति
सिंगापुर 193 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा के साथ पहले स्थान पर कायम है। दक्षिण कोरिया (190) और जापान (189) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। चीन ने पिछले एक दशक में अपनी पासपोर्ट शक्ति को काफी बढ़ाया है।
2015 में 94वें स्थान पर रहा चीन अब 64वें स्थान पर है, जहां के नागरिक 82 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं। चीन 76 देशों को अपने यहां वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है, जो अमेरिका से 30 ज्यादा है। हाल ही में चीन ने रूस को भी इस सूची में जोड़ा है। भारत 85वें स्थान पर है, जहां के नागरिक 57 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं।
अमेरिका की नीतियों का असर
अमेरिका की सख्त वीजा नीतियां इस गिरावट का एक प्रमुख कारण हैं। अमेरिकी नागरिक 180 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं, लेकिन अमेरिका केवल 46 देशों के नागरिकों को अपने यहां वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है। हेनली ओपननेस इंडेक्स में अमेरिका 77वें स्थान पर है, जो दिखाता है कि मेहमाननवाजी के मामले में वह काफी पीछे है। ऑस्ट्रेलिया के बाद अमेरिका में यह अंतर सबसे बड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के देश भी अमेरिका की सख्त नीतियों का जवाब उसी तरह दे रहे हैं।

