NO BAN OF CRACKERS IN DELHI-NCR : सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विनोद चंद्रन की बेंच के जरिए यह राहत दी है, जहां सुबह 6 से 7 बजे और शाम 8 से 10 बजे तक ही इनकी अनुमति होगी। कोर्ट ने साफ कहा कि पारंपरिक पटाखों की तस्करी एक बड़ी समस्या है जो फर्जी ग्रीन लेबल लगाकर बाजार में घुस आते हैं और प्रदूषण को बढ़ाते हैं। इसलिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि गश्ती दलों से बाजारों पर नजर रखी जाए, सिर्फ प्रमाणित ग्रीन पटाखे बिकें और उल्लंघन करने वालों पर फौरन कार्रवाई हो।
ई-कॉमर्स साइट्स जैसे अमेजन या फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन बिक्री पूरी तरह बैन रहेगी ताकि अवैध व्यापार पर लगाम लगे।कोर्ट ने उद्योग की चिंताओं और विशेषज्ञों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह संतुलित फैसला लिया जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लाइसेंसधारी व्यापारियों और अनुमोदित निर्माताओं तक बिक्री सीमित रखने का भरोसा दिलाया।
पिछले छह सालों में ग्रीन पटाखों से प्रदूषण में काफी कमी आई है जैसा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के आंकड़ों से पता चलता है। हरियाणा के 14 एनसीआर जिलों समेत पूरे क्षेत्र में यह नियम लागू होंगे, जहां NEERI और PESO से मंजूरी वाले निर्माताओं को पहले ही उत्पादन की छूट मिल चुकी है।
हालांकि कोर्ट ने प्रदूषण के खिलाफ अपनी सख्ती बरकरार रखी है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक को स्वच्छ हवा में जीने का हक है। पहले की सुनवाइयों में जस्टिस अभय एस ओका की बेंच ने भी साल भर प्रतिबंध की वकालत की थी लेकिन अब ग्रीन विकल्पों से त्योहार और पर्यावरण दोनों को बचाने की कोशिश है।

