नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
मध्य प्रदेश के भोपाल में दो पुलिस कांस्टेबलों द्वारा कथित तौर पर किए गए हमले के बाद शुक्रवार को एक अंतिम वर्ष के इंजीनियरिंग छात्र, जो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का रिश्तेदार था, की मौत हो गई।
पीड़ित उदित (22) राज्य के बालाघाट जिले में तैनात पुलिस उपाधीक्षक चेतन अगलक का साला था। उदित के परिवार ने आरोपी कांस्टेबलों संतोष बामनिया और सौरभ आर्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है, जिन्हें सेवा से निलंबित कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि उदित शुक्रवार तड़के करीब 2.30 बजे इंद्रपुरी के सी सेक्टर में अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था, तभी शोर और गड़बड़ी की शिकायत के बाद पुलिस वहां पहुंची।
एनडीटीवी से बात करते हुए उदित के एक दोस्त ने बताया, “हम छह लोग साथ में पार्टी कर रहे थे और कुछ देर बाद मैं उदित को घर छोड़ने वाला था। जैसे ही मैंने कार की चाबी इग्निशन में लगाई, एक पुलिसवाला आ धमका। उदित घबरा गया और एक अंधेरी गली की तरफ भाग गया।”
दोस्त ने बताया कि दो कांस्टेबल बामनिया और आर्य ने उदित का पीछा किया और उसे पकड़ लिया। दोस्त ने आगे कहा, “कुछ ही देर में हमें मारपीट और चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई देने लगीं। जब हम मौके पर पहुँचे, तो देखा कि उदित की शर्ट उतार दी गई थी और उसके शरीर पर, खासकर सिर पर, चोट के निशान थे।”
एक अन्य दोस्त ने बताया कि बामनिया और आर्य ने ‘मामला निपटाने’ के लिए 10,000 रुपये मांगे। दोस्त ने आरोप लगाया कि जब उदित ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो मारपीट और बढ़ गई।हमले के तुरंत बाद उदित बेहोश हो गया और बेहोश हो गया। उसके दोस्त उसे तुरंत एम्स, भोपाल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस उपायुक्त (जोन 2) विवेक सिंह ने कहा कि बामणिया और आर्य को निलंबित कर दिया गया है और आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। सिंह ने कहा, “सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड प्राप्त कर लिए गए हैं। यदि पोस्टमार्टम में मौत का कारण मारपीट की पुष्टि होती है, तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने कहा, “पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरों का पाँच सदस्यीय पैनल पोस्टमॉर्टम कर रहा है, जिसकी वीडियोग्राफी भी की जा रही है। मौत का कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।”