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तालिबान के दबाव में विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन

दानिश अनवर
Last updated: October 10, 2025 10:54 pm
दानिश अनवर
Byदानिश अनवर
Journalist
दानिश अनवर, द लेंस में जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 13 वर्षों का अनुभव है। 2022 से दैनिक भास्‍कर...
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नई दिल्ली। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्तक़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को शामिल नहीं किया गया। जिससे राजनयिक कार्यक्रमों की मीडिया कवरेज में लैंगिक भेदभाव पर सवाल उठ रहे हैं वहीं महिला पत्रकारों ने इसकी पुरजोर भर्त्सना की है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति तालिबान के दबाव की वजह से रही है। 

हाल ही में, अफगानिस्तान में एक हफ्ते में तीसरा भूकंप आया, जिसमें 2000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और हज़ारों लोग घायल हुए।

रिपोर्टों के अनुसार, इस आपदा का सबसे ज़्यादा असर महिलाओं पर पड़ा। वे मलबे में फंसी रहीं क्योंकि तालिबान के सख्त शासन के कारण पुरुष बचावकर्मियों को उन्हें छूने की इजाजत नहीं थी। कई महिला पीड़ितों को महिला बचावकर्मियों का इंतजार करना पड़ा। 

तालिबान सरकार द्वारा हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा भारत के साथ उसके संबंधों को मजबूत कर रही। इसके अलावा, तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की 2021 में अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के शासन के बाद उनकी पहली भारत यात्रा थी।

सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर, मुत्ताकी ने आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा। 

काबुल के रुख से भारत को आश्वस्त करते हुए, अफगानिस्तान ने कहा कि वह भारत को एक ‘घनिष्ठ मित्र’ मानता है।

मुत्तक़ी ने बैठक के दौरान कहा, ‘अफगानिस्तान में हाल ही में आए भूकंप में, भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश था। अफगानिस्तान भारत को एक घनिष्ठ मित्र मानता है। हम आपसी सम्मान, व्यापार और लोगों के बीच आपसी संबंधों पर आधारित संबंध चाहते हैं। हम अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए एक परामर्श तंत्र बनाने के लिए तैयार हैं।’

उन्होंने कहा, ‘मैं दिल्ली आकर खुश हूं और इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आपसी समझ बढ़ेगी। भारत और अफगानिस्तान को अपने संपर्क और आदान-प्रदान बढ़ाने चाहिए… हम किसी भी समूह को अपनी धरती का इस्तेमाल दूसरों के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देंगे।’

बैठक के दौरान, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने घोषणा की कि भारत अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलेगा, जो 2021 से बंद था। इसे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

2021 में, जब अमेरिका के नेतृत्व वाली नाटो सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया, तो भारत ने अपना दूतावास बंद कर दिया। हालांकि, 2022 में, उसने व्यापार, चिकित्सा सहायता और मानवीय सहायता के लिए एक छोटा मिशन खोला।

TAGGED:Latest_NewsS Jaishankartaliban foreign minister india visit
Byदानिश अनवर
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दानिश अनवर, द लेंस में जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 13 वर्षों का अनुभव है। 2022 से दैनिक भास्‍कर में इन्‍वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग टीम में सीनियर रिपोर्टर के तौर पर काम किया है। इस दौरान स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन खबरें लिखीं। दैनिक भास्‍कर से पहले नवभारत, नईदुनिया, पत्रिका अखबार में 10 साल काम किया। इन सभी अखबारों में दानिश अनवर ने विभिन्न विषयों जैसे- क्राइम, पॉलिटिकल, एजुकेशन, स्‍पोर्ट्स, कल्‍चरल और स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन स्‍टोरीज कवर की हैं। दानिश को प्रिंट का अच्‍छा अनुभव है। वह सेंट्रल इंडिया के कई शहरों में काम कर चुके हैं।
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