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दुनिया

माउंट एवरेस्ट पर ‘बर्फीले तूफान’ से फंसे सैकड़ों ट्रेकर्स, रेस्क्यू टीम ने बचाई जानें

पूनम ऋतु सेन
Last updated: October 6, 2025 2:05 pm
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
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Mount Everest snowstorm
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Mount Everest snowstorm: दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के तिब्बती हिस्से में शुक्रवार शाम से शुरू हुए बर्फीले तूफान ने पर्वतारोहियों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी है। भारी बर्फबारी और तूफान की चपेट में करीब एक हजार ट्रैकर्स फंस गए हैं, जिन्हें बचाने के लिए रविवार, 5 अक्टूबर से बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। 4,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में रास्ते बर्फ से ढक गए हैं, जिसे हटाने के लिए सैकड़ों स्थानीय लोग और बचाव टीमें दिन-रात जुटे हैं।

अब तक 350 लोगों को सुरक्षित निकालकर तिब्बत के कुदांग शहर की एक छोटी बस्ती में पहुंचाया गया है जबकि 200 से ज्यादा पर्वतारोहियों से संपर्क स्थापित हो चुका है लेकिन अभी भी कई लोग बर्फ की कैद में हैं और ठंड से उनकी जान को खतरा बढ़ रहा है। बचकर लौटे पर्वतारोहियों ने इस तूफान को ‘सफेद मौत’ का नाम दिया है।

अमेरिकी ट्रैकर एरिक वेन जो 18 लोगों के समूह के साथ एवरेस्ट की सैर पर निकले थे,उन्होंने मीडिया में बताया, “लगातार बारिश और बर्फबारी ने एवरेस्ट को पूरी तरह ढक दिया। हमने चोटी को एक बार भी नहीं देखा।” शनिवार रात को हालात बेकाबू होने पर उनके समूह ने पांचवें कैंप से वापस लौटने का फैसला किया। एरिक ने कहा, “हमारे पास गिने-चुने टेंट थे। दस से ज्यादा लोग एक ही टेंट में ठुंसे थे। रातभर नींद नहीं आई। बाहर बर्फ इतनी तेज थी कि हर 10 मिनट में हमें टेंट के ऊपर जमी बर्फ हटानी पड़ती थी, वरना टेंट ढह जाता।” उनके समूह के तीन लोग हाइपोथर्मिया के शिकार हो गए, जब तापमान शून्य से नीचे चला गया।

हाइपोथर्मिया एक ऐसी खतरनाक स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है, और तुरंत इलाज न हो तो जान भी जा सकती है।एक अन्य पर्वतारोही चेन गेशुआंग, जो कुदांग पहुंच चुके हैं, उन्होंने मीडिया में बताया, “वहां सब कुछ गीला और बर्फीला था। ठंड इतनी थी कि हाइपोथर्मिया का खतरा हर पल मंडरा रहा था।” उनके गाइड ने बताया कि अक्टूबर में ऐसा मौसम पहले कभी नहीं देखा गया। “यह तूफान अचानक आया और सब कुछ तबाह कर गया,” चेन ने कहा।

यह इलाका पर्वतारोहियों के बीच खासा लोकप्रिय है, लेकिन इस बार मौसम ने सभी को हैरान कर दिया।बचाव दल दिन-रात फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारी बर्फबारी ने राहत कार्यों में बाधा डाली है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे असामान्य तूफान अब आम हो सकते हैं।

TAGGED:chamoli rescueMount Everest snowstormTop_News
Byपूनम ऋतु सेन
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पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
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