रायपुर। अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और 6 बार सांसद रहे परस राम भारद्वाज की बेटी रोमा भारद्वाज ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से निवेदन किया है कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लगे उनके पिताजी की तस्वीर को हटा दी जाए। स्व. भारद्वाज की जगह उस नेता की तस्वीर लगाने की नसीहत दी है, जिन्हें प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता वास्तव में याद कर सकें।
सोशल मीडिया साइट्स में रोमा भारद्वाज का यह निवेदन वाला पोस्ट वायरल हो रहा है। यह नसीहत तब दी गई, जब 1 अक्टूबर को पूर्व सांसद की जयंती पर कांग्रेस की तरफ से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।

रोमा भारद्वाज ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मैं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री दीपक बैज जी से निवेदन करती हूं कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लगे मेरे पिताजी स्व. परस राम भारद्वाज जी की तस्वीर को हटा दिया जाए और वहां उस नेता की तस्वीर लगाई जाए, जिन्हें प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता वास्तव में याद कर सकें।’
पूर्व सांसद की बेटी ने आगे लिखा, ‘मेरे पिता ने अपना पूरा जीवन निष्ठा और ईमानदारी के साथ कांग्रेस पार्टी को दिया, लेकिन अगर आज की कांग्रेस उन्हें याद करने योग्य नहीं समझती, तो उनकी तस्वीर को दीवार पर सजाने का कोई अर्थ नहीं है।’
रोमा अपने पोस्ट के आखिर में लिखती हैं, ‘इतिहास तस्वीरों से नहीं, योगदान और त्याग से लिखा जाता है, और उस इतिहास में स्व. परस राम भारद्वाज जी हमेशा अमर रहेंगे।’
दरअसल, पिछले वर्ष प्रदेश कांग्रेस की तरफ से प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने सभी जिला, शहर और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, सभी मोर्चा और प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को पूर्व सांसद परस राम भारद्वाज की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन, इस बार कार्यक्रम आयोजित करने संबंधित किसी भी तरह के निर्देश पीसीसी की तरफ से नहीं भेजे गए, जिसके बाद रोमा भारद्वाज की यह नाराजगी सामने आई है।
एक दिन पहले रोमा ने पिछले वर्ष का कांग्रेस की तरफ से जारी पत्र को पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘इस बार प्रदेश कांग्रेस छत्तीसगढ़ अपने ही इतिहास को याद करना भूल गई है। आज भी जो लोग कांग्रेस की मजबूत नींव खड़ी करने में अपना सब कुछ न्योछावर कर चुके हैं, उनकी याद तक नहीं की जा रही। इतिहास को भूलकर कोई भी संगठन मजबूत नहीं रह सकता। यह चुप्पी और उपेक्षा सिर्फ़ सवाल ही नहीं उठाती, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी गलत संदेश देती है। कांग्रेस को चाहिए कि वो अपनी जड़ों को याद करे और जिन्होंने अपना जीवन संगठन को दिया, उनके योगदान को सम्मानित करे।’
इससे पहले पूर्व सांसद के बेटे संजय भारद्वाज ने सोशल मीडिया में एक खुला पत्र लिखकर उनके पिता को सम्मान देने की बजाए भुला देने की बात कही थी।
आपको बता दें कि परस राम भारद्वाज सारंगढ़ लोकसभा सीट से 1980 से 1999 तक 6 बार सांसद चुने गए। इस दौरान वे अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
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