रायपुर। कांग्रेसी नेता हेमंत चंद्राकर के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) अफसर की मारपीट का मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) पहुंच चुका है। हेमंत चंद्राकर ने ईडी पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया। हेमंत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि ईडी के डिप्टी डायरेक्टर नीरज सिंह ने थप्पड़ मारे और पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेस नेताओं का नाम लेने का दबाव बनाया।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने निर्देश दिए कि मारपीट के आरोपी अधिकारी के खिलाफ रायपुर की ईडी कोर्ट में आवेदन करें और मेडिकल जांच कराएं।
हेमंत की ओर से सतीश चंद्र वर्मा और गगन तिवारी ने पैरवी की, जबकि ईडी के वकील ने थर्ड डिग्री टॉर्चर के आरोपों से इनकार किया।
30 सितंबर को कांग्रेस नेता हेमंत का रोते हुए एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे रायपुर के कोतवाली थाने में यह कह रहे हैं, ‘मैंने कोई पैसा नहीं लिया, सिर्फ बिजनेस किया। मेरे परिवार को जेल में डालने की धमकी दी जा रही है।’
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे सरकार के संरक्षण में ईडी की गुंडागर्दी बताया और कहा, ‘कमलछाप बिल्ला लगाकर काम करोगे, तो जनता सब दर्ज कर रही है।’
यह मामला 30 सितंबर को रायपुर, दुर्ग और गरियाबंद में ईडी की छापेमारी से जुड़ा है, जिसमें हेमंत से पूछताछ चल रही थी।
दरअसल, कांग्रेस नेता हेमंत चंद्राकर को 29 सितंबर को सुबह 10:30 बजे पूछताछ के लिए रायपुर के सुभाष स्टेडियम स्थित ईडी कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ रात 8:30 बजे तक चली। हेमंत ने बताया कि सभी को जाने दिया, लेकिन हेमंत को रोक लिया। प्रताड़ित करने के बाद मुझे अगले दिन फिर से आने को कहा गया।
हेमंत चंद्राकर ने बताया कि ईडी के अफसर जबरन पूर्व CM भूपेश बघेल, विजय भाटिया, रामगोपाल वर्मा, आशीष वर्मा, मंदीप चावला का नाम लेने को बोला गया। चंद्राकर ने पुलिस को शिकायत की है, उसमें लिखा है कि उनके और उनके परिवार को जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। अधिकारी अवैध तरीके से बयान लेने का प्रयास कर रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
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