[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
तालिबान की प्रेस कॉन्‍फेंस से भारत सरकार ने झाड़ा पल्‍ला, महिला पत्रकारों की एंट्री बैन पर मचा हंगामा
68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी मामले में अनिल अंबानी के सहयोगी पर शिकंजा
टीवी डिबेट के दौरान वाल्मीकि पर टिप्पणी को लेकर पत्रकार अंजना ओम कश्यप और अरुण पुरी पर मुकदमा
बिहार चुनाव में नामांकन शुरू लेकिन महागठबंधन और NDA में सीट बंटवारे पर घमासान जारी
क्या है ननकी राम कंवर का नया सनसनी खेज आरोप?
EOW अफसरों पर धारा-164 के नाम पर कूटरचना का आरोप, कोर्ट ने एजेंसी चीफ सहित 3 को जारी किया नोटिस
रायपुर रेलवे स्टेशन पर लाइसेंसी कुलियों का धरना खत्म, DRM ने मानी मांगे, बैटरी कार में नहीं ढोया जाएगा लगेज
तालिबान के दबाव में विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन
छत्तीसगढ़ संवाद के दफ्तर में झूमाझटकी, मामला पुलिस तक
काबुल में पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से क्‍यों चौकन्‍ना हुआ चीन, जारी की सुरक्षा चेतावनी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

अनुसूचित जाति के पीजी डॉक्टरों पर भेदभाव का आरोप, राष्ट्रीय एससी आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स को भेजा नोटिस

पूनम ऋतु सेन
Last updated: October 5, 2025 1:40 pm
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Share
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

नई दिल्ली। देश के प्रमुख मेडिकल संस्थानों में अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के पोस्टग्रेजुएट छात्रों के साथ हो रहे कथित भेदभाव और अमानवीय कामकाजी हालात को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली को नोटिस जारी कर 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। यह कदम यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल की शिकायत पर उठाया गया है, जिन्होंने एससी छात्रों की सुरक्षा और आत्महत्याओं को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की मांग की थी।

खबर में खास
क्या हैं छात्रों की मुख्य परेशानियां?नियम हैं, लेकिन अमल नहींयूडीएफ की मांगें क्या हैं?आयोग की भूमिका और उम्मीदें

डॉ. मित्तल जो खुद एक अनुभवी लैप्रोस्कोपिक और जनरल सर्जन हैं, 8 जुलाई 2025 को आयोग को पत्र लिखकर एससी छात्रों की परेशानियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में इन छात्रों को लंबे समय तक बिना रुके काम करने पर मजबूर किया जाता है जिससे उनकी सेहत बिगड़ती है और कई बार जान चली जाती है। आयोग ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी किया जिसमें मंत्रालय के सचिव और एम्स के निदेशक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। अगर समय पर जवाब न मिला तो आयोग सिविल कोर्ट जैसी कार्रवाई कर सकता है।

क्या हैं छात्रों की मुख्य परेशानियां?

मेडिकल शिक्षा के इस क्षेत्र में काम करने वाले एससी छात्रों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. मित्तल की शिकायत के अनुसार

लंबे ड्यूटी घंटे: छात्रों से 24 से 36 घंटे तक लगातार काम कराया जाता है। कई बार यह 72 घंटे तक खिंच जाता है, जो थकान और तनाव बढ़ाता है।
जातिगत भेदभाव: सहपाठी, रूममेट या टीचरों द्वारा जाति आधारित टिप्पणियां और अलगाव का सामना करना पड़ता है। इससे छात्र मानसिक रूप से टूट जाते हैं।
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन: संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और 42 (काम की उचित स्थितियां) का पालन नहीं हो रहा। छात्रों को बुनियादी आराम या छुट्टी से वंचित रखा जाता है।
आत्महत्याओं में इजाफा: दबाव और भेदभाव से हर साल कई छात्र सुसाइड कर लेते हैं या कोर्स बीच में छोड़ देते हैं।

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की अगस्त 2024 की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। डॉ. सुरेश बडा मठ की अगुवाई वाली टास्क फोर्स ने पाया कि लंबी ड्यूटी न केवल छात्रों की सेहत बिगाड़ती है, बल्कि मरीजों की जान को भी जोखिम में डालती है।

नियम हैं, लेकिन अमल नहीं

देश में डॉक्टरों के कामकाजी घंटों के लिए कई नियम बने हैं, लेकिन इनका पालन नहीं हो रहा:
1992 की यूनिफॉर्म सेंट्रल रेजिडेंसी स्कीम: इसमें कहा गया है कि जूनियर डॉक्टर 12 घंटे से ज्यादा लगातार ड्यूटी न करें और हफ्ते में 48 घंटे से ऊपर काम न हो। साथ ही साप्ताहिक छुट्टी और सालाना अवकाश की गारंटी है।
2023 की पीजीएमईआर गाइडलाइंस: छात्रों को उचित काम के घंटे, 20 दिन की सालाना छुट्टी और साप्ताहिक आराम का प्रावधान।

फिर भी, डॉ. मित्तल का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन और एनएमसी की निष्क्रियता से हालात बदतर हो गए हैं। एनएमसी की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच सालों में 55 पीजी छात्रों ने आत्महत्या की, जिनमें एससी समुदाय के कई शामिल थे।पहले भी आए ऐसे मामलेयह समस्या नई नहीं है। कुछ पुराने उदाहरण
2012, एम्स दिल्ली: बलमुकुंद भारती ने जातिगत भेदभाव से तंग आकर आत्महत्या की।
2018, अहमदाबाद: डॉ. एम. मरिराज ने सहकर्मियों के उत्पीड़न से सुसाइड का प्रयास किया।
2023, अमृतसर: एक महिला एमबीबीएस इंटर्न ने प्रोफेसरों और बैचमेट्स पर जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाकर जान दी; उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ।
2024, जेआईपीएमईआर पुडुचेरी: जूनियर डॉक्टरों ने विभाग प्रमुख पर भेदभाव का आरोप लगाया।
2024, बेंगलुरु: लोकेन्द्र सिंह धांडे ने सहपाठियों के उत्पीड़न से आत्महत्या की।

यूडीएफ की मांगें क्या हैं?

यूडीएफ ने आयोग से ठोस कदम उठाने की अपील की है:
1992 की रेजिडेंसी स्कीम को सख्ती से लागू कराना।
2023 गाइडलाइंस में बदलाव कर रोज 8 घंटे और हफ्ते में 48 घंटे की ड्यूटी तय करना।
स्वतंत्र निगरानी एजेंसी बनाना, जो उल्लंघन पर जुर्माना लगाए।
कॉलेजों में भेदभाव रोकने के लिए विशेष समिति गठित करना।

आयोग की भूमिका और उम्मीदें

एनसीएससी एक संवैधानिक संस्था है, जो एससी समुदाय के सामाजिक-शैक्षिक हितों की रक्षा करती है। यूडीएफ का मानना है कि इस नोटिस से न सिर्फ एम्स, बल्कि पूरे देश के मेडिकल कॉलेजों में बदलाव आएगा। डॉ. मित्तल ने कहा, “हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक छात्रों के साथ अमानवीय व्यवहार न रुके।”यह मामला मेडिकल शिक्षा की कमियों को उजागर करता है। जब भावी डॉक्टर ही दबाव का शिकार हों, तो स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। आयोग के जवाब का इंतजार है, जो एससी छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

TAGGED:NCSCTop_News
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article NBDSA on Zee news & Times Now ‘मेहंदी जिहाद’ और ‘लव जिहाद’ ब्रॉडकास्ट को लेकर ZEE News और Times Now को NBDSA की लताड़, सारे वीडियोज हटाने के आदेश
Next Article माइनिंग कान्क्लेव में शामिल हुए CM विष्णु देव साय, खनन और नई संभावनाओं पर हुई चर्चा
Lens poster

Popular Posts

साय कैबिनेट में 14 मंत्रियों की नियुक्ति को भूपेश ने बताया अवैध, वहीं बैज ने कहा – तीनों मंत्री मुख्यमंत्री की पसंद नहीं

रायपुर। छत्तीसगढ़ कैबिनेट विस्तार के बाद एक तरफ जहां भाजपा के भीतर अंतर्कलह की बात…

By दानिश अनवर

वित्त मंत्री से सवाल करने वाले भाजयुमो अध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित करने का नोटिस

रायपुर। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से सवाल करना भारतीय जनता युवा मोर्चा के…

By Lens News

नागपुर हिंसा मास्टरमाइंड फहीम खान के घर पर बुलडोजर, देखें वीडियो

नागपुर| महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च की हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान के…

By पूनम ऋतु सेन

You Might Also Like

Public hearing in Meerut
देश

यूपी में बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में फूटा गुस्सा

By आवेश तिवारी
Kawasi Lakhma:
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, कवासी लखमा की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने जांच पर दिया जोर

By पूनम ऋतु सेन
MEDICAL COLLEGE RAIPUR
छत्तीसगढ़

रायपुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल के लिए सिर्फ आश्वासन, सुविधा कब तक पता नहीं ?

By पूनम ऋतु सेन
Shashi Tharoor
देश

प्रोटोकॉल दरकिनार कर ट्रंप से मिलने जा पहुंचे सांसद और बेइज्जत हुए

By Lens News Network

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?