[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
अब रायपुर से राजिम के बीच मेमू लोकल, बस के झंझटों से छुटकारा, सीएम साय ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
मतदाताओं के नाम हटाने के मामले में राहुल के आरोपों की पुष्टि, चुनाव आयोग ने कहा-हमने किया पूरा सहयोग
बलात्कार के आरोप में भगोड़े कारोबारी ललित मोदी का भाई IGI एयरपोर्ट से गिरफ्तार
SEBI की जांच में अडानी को मिली क्‍लीन चिट, हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाए थे आरोप
निरंजन दास को EOW ने हिरासत में लिया, दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत की याचिका की थी खारिज
राहुल गांधी के चेले विधायक चोरी करते हैं, वे किस मुंह से वोट चोरी की बात कर रहे: केदार कश्यप
अदालत ने अडानी से कहा – आपको अपनी बदनामी का खुद भी यकीन नहीं है
NHM कर्मचारियों का आज जेल भरो आंदोलन, प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मांगे पूरी नहीं आंदोलन रहेगा जारी
नाबालिगों से करा दी सुप्रीम कोर्ट के सीवर की सफाई, कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर ठोका पांच लाख का जुर्माना
तो क्‍या अमेरिका कम करने जा रहा है भारत से 25% टैरिफ, क्‍यों मिल रहे हैं ऐसे संकेत?
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

राहुल के आरोपों की जांच क्यों नहीं करता चुनाव आयोग

Editorial Board
Last updated: September 18, 2025 9:37 pm
Editorial Board
Share
Voter deletion
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर कर्नाटक और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में गड़बड़ियां करने वालों का बचाव करने के गंभीर आरोप लगाए हैं, यह बेहद गंभीर और अभूतपूर्व है।

यह मामला इसलिए भी चिंता का कारण होना चाहिए, क्योंकि देश के संसदीय इतिहास में इससे पहले देश के किसी भी मुख्य चुनाव आयुक्त पर कभी भी चुनावों से संबंधित गड़बड़ियों में संलिप्त रहने के इतने स्पष्ट आरोप नहीं लगाए गए।

राहुल ने सात अगस्त को अपनी पिछली प्रेस कांफ्रेंस में कर्नाटक के बंगलुरू सेंट्रल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली महादेवपुरा विधानसभा सीट में एक लाख से अधिक फर्जी वोट जोड़े जाने का आरोप लगाया था और इसे ‘वोट चोरी’ कहा था।

अपने आरोपों के पक्ष में उन्होंने बकायदा दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। राहुल ने महाराष्ट्र में भी मतदाता सूची में गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे, और तब करीब दस दिन बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर उलटे राहुल को ही धमकाने वाले अंदाज में कहा था कि वह हलफनामा दें या हफ्ते भर में माफी मांगें।

यह दुखद है कि जिस संस्था पर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की साख जुड़ी हुई है, उसके मुखिया उस संस्था पर लग रहे गंभीर आरोपों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी में उलझ गए हैं। जबकि यह व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि इससे एक ऐसी स्वायत्त संवैधानिक संस्था की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है, जिस पर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की साख को बनाए रखने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

ज्ञानेश कुमार के दो पूर्ववर्ती मुख्य चुनाव आयुक्तों एस वाई कुरेशी और ओपी रावत तथा एक अन्य पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने राहुल गांधी के आरोपों को न केवल गंभीरता से लिया है, बल्कि साफ कहा है कि वह इन आरोपों की जांच करवाते।

राहुल गांधी ने गुरुवार को बकायदा प्रेस कांफ्रेंस में कर्नाटक के ऐसे लोगों को मीडिया के सामने पेश कर दिया, जिनके नाम से वोटरों के नाम मतदाता सूची से डिलीट कर दिए गए, जबकि उन्हें इसकी कोई जानकारी भी नहीं थी!

सचमुच यह बेहद गंभीर मामला है, और राहुल के आरोपों को खारिज करने का यह कोई आधार नहीं हो सकता कि वह जिस सीट आलंद को लेकर आरोप लगा रहे हैं, वहां से कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत हुई थी।

दरअसल सबसे बड़ा सवाल देश में चुनाव की पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर खड़ा हो गया है। यह कहने से भी गुरेज नहीं किया जाना चाहिए कि राहुल गांधी ने बकायदा पूरी तैयारी के साथ दिखाया है कि हमारी पूरी चुनाव प्रक्रिया पर गहरी धुंध छा गई है। उन्होंने जो सवाल उठाए हैं, उन पर गौर करने की जरूरत है कि आखिर कर्नाटक की मतदाता सूची से नाम डिलीट करने के लिए दूसरे राज्यों के मोबाइल नंबर और आईपी क्यों इस्तेमाल किए गए?

क्या यह इत्तफाक है कि मतदाता सूची में सिर्फ सीरियल नंबर वन वाले मतदाताओं के जरिये नाम डिलीट किए गए? क्या इसके पीछे साफ्टवेयर के जरिये कोई खेल किया गया? जब कर्नाटक के राज्य निर्वाचन आयोग और वहां की सीआईडी इस मामले में जांच को तैयार है, तो फिर केंद्रीय चुनाव आयोग को क्यों एतराज है?

राहुल गांधी के बेहद संतुलित तरीके से सामने रखे गए तथ्यों को पऱखने की जरूरत है, लेकिन उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बाद चुनाव आयोग ने किसी तरह की जांच करवाना तो दूर जिस तत्परता से उनके आरोपों को खारिज किया है, वह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए कोई शुभ संकेत नहीं है।

हैरानी इस बात की भी है कि चुनावों में गड़बड़ियों को लेकर चुनाव आयोग पर लगाए गए राहुल गांधी के आरोपों के बचाव में भाजपा सबसे पहले सामने आ जाती है! यह हिट ऐंड रन का मामला नहीं है, राहुल लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और यदि उनके आरोपों में दम नहीं है, तो चुनाव आयोग को उन्हें तथ्यों के साथ साबित करना चाहिए।

चूंकि राहुल ने यह भी कहा है कि वह अभी ‘हाइड्रोजन बम’ भी लेकर आएंगे, यानी इससे भी बड़ी गड़बड़ी को उजागर करेंगे, तब तो यह और भी जरूरी हो जाता है।

यह भी देखें: राहुल गांधी के आरोपों को चुनाव आयोग ने बताया बेबुनियाद, जानिए क्‍या कहा?

TAGGED:EditorialElection Commissionpress conferenceRahul Gandhivote choree
Previous Article Hindenburg Research allegations SEBI की जांच में अडानी को मिली क्‍लीन चिट, हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाए थे आरोप
Next Article Sameer Modi arrested बलात्कार के आरोप में भगोड़े कारोबारी ललित मोदी का भाई IGI एयरपोर्ट से गिरफ्तार

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

32 सौ करोड़ के शराब घोटाले में 28 अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में EOW में आरोपी बनाए गए आबकारी के 6…

By दानिश अनवर

बैंक लूट की सबसे बड़ी घटना, चोरों ने सेना की वर्दी पहन SBI बैंक में रखा करोड़ों का सोना-नकदी लूटा

SBI BANK ROBBERY: कर्नाटक के विजयपुरा जिले में 16 सितम्बर की शाम लुटेरों ने एक…

By पूनम ऋतु सेन

बिना डिग्री सरकारी डॉक्टर बन गया और साढ़े 7 साल नौकरी करता रहा.. पता चला तो बर्खास्तगी एक महीने के वेतन के साथ!

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। मामला बिना रजिस्ट्रेशन…

By दानिश अनवर

You Might Also Like

BJP internal politics
लेंस संपादकीय

भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कब तक ?

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

कट्टरता के निशाने पर

By The Lens Desk
Gen-Z
English

Nepal: not surrendering their voice

By Editorial Board
The Lens
लेंस संपादकीय

हमारा विश्वास सच और संवाद

By Editorial Board
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?