रायपुर। नौकरी में नियमित करने की मांग को लेकरकरीब एक महीने से हड़ताल पर बैठे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों ने सरकार के फाइनल अल्टीमेटम को भी नजरअंदाज कर दिया है। इसका असर अलग-अलग जिलों में अब पड़ने लगा है।
सरकार ने करीब दो सौ कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। दूसरी तरफ सरकार के इस एक्शन के खिलाफ कर्मचारी कल जेल भरो आंदोलन करेंगे।
बलौदाबाजार में 160 एनएचएम कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश निकाल दिया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की तरफ से आदेश निकाला गया है। इसके अलावा कोरबा में करीब 21 कर्मचारियों और गरियाबंद में 20 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
18 अगस्त से शुरू हुई हड़ताल को एक महीने बीत गए हैं। सरकार ने 16 सितंबर तक सभी कर्मचारियों को काम पर लौटने का फाइनल अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी। इसके बाद सरकार की तरफ से एक्शन शुरू हुआ है।
कर्मचारी अब भी अपनी मांगों को पूरा करने की बात पर अड़े हैं। सरकार की तरफ से 10 में से 5 मांगे मानने की मौखिक सहमति दी है, लेकिन अन्य पांच मांगों को लेकर कोई दावा नहीं किया।
इस बीच एनएचएम कर्मचारी संघ ने तय किया है कि गुरुवार को संभाग स्तर पर जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। रायपुर के तुता माना धरना स्थल पर रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के करीब 10 हजार कर्मचारी जेल भरो आंदोलन में शामिल होंगे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि सरकार दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम दबाव के आगे झुकने वाले नहीं हैं। सरकार ने बातचीत बंद कर दी है, ऐसे में हम आंदोलन के जरिए ही अपनी आवाज उन तक पहुंचा सकते हैं।
इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने 3 सितंबर को 25 कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। ये बर्खास्त कर्मचारी इस आंदोलन को लीड कर रहे थे। सरकार के इस एक्शन के खिलाफ NHM कर्मचारियों ने सभी 33 जिलों में सीएमएचओ दफ्तर जाकर सामुहिक इस्तीफा सौंपा था।
एनएचएम कर्मचारियों के इस आंदोलन का सत्तारुढ़ दल भाजपा के दो सांसद भी कर चुके हैं।
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