लेंस डेस्क। पंजाब में आई प्राकृतिक आपदा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल सहायता के रूप में 1600 करोड़ रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है। वहीं पंजाब सरकार ने केंद्र के 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को नाकाफी बताते हुए इसे ‘पंजाब का अपमान’ करार दिया।
पीएम मोदी ने हाल ही में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया था और 1600 करोड़ की सहायता के साथ मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50,000 रुपये का ऐलान किया।
आपको बता दें कि बाढ़ से अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है, 22 जिलों के 2,097 गांव प्रभावित हैं, और 1.91 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। पठानकोट में तीन लोग अब भी लापता हैं।
मंगलवार को पीएम मोदी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया था। इसके बाद उन्होंने गुरदासपुर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मियों, बाढ़ पीड़ितों और आपदा मित्रों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंजाब के लोगों से बातचीत में कहा कि इस मुश्किल समय में केंद्र सरकार पंजाब के साथ है और भविष्य में भी साथ रहेगी।
पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पंजाब का दौरा कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया था। उनकी रिपोर्ट के आधार पर पीएम को पंजाब में बाढ़ की गंभीरता का अंदाजा हुआ।
पीएम को बताया गया कि भारी बारिश के कारण पहाड़ों से आए पानी ने पंजाब में भारी तबाही मचाई। इस वजह से पीएम ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों का हवाई सर्वे करने का फैसला किया।
आप सरकार के मंत्री ने क्या कहा
पंजाब सरकार ने केंद्र के 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को नाकाफी बताते हुए इसे ‘पंजाब का अपमान’ करार दिया। राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंदियां ने कहा, “जब मुख्य सचिव ने उन्हें हजारों करोड़ के नुकसान, क्षतिग्रस्त सड़कों, बर्बाद हुई जमीन और पंजाब के लोगों के तबाह हुए घरों की पूरी जानकारी दी, तो उन्होंने केवल 1600 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि यह राशि नाकाफी है। हमें लगभग 60 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इतनी कम राशि देना पंजाब के लिए अपमानजनक है।”
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