रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ड्रग्स तस्करी के चर्चित मामले ने नया मोड़ ले लिया है। विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने मुख्य आरोपी नव्या मलिक और इवेंट मैनेजर विधि अग्रवाल को 15 सितंबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल ड्रग्स रैकेट में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें नव्या मलिक, अयान परवेज, विधि अग्रवाल, ऋषिराज टंडन, सोहेल खान, जुनैद अख्तर, हर्ष आहूजा, मोनू विश्नोई और दीप धनोरिया शामिल हैं। इस मामले ने रायपुर के रईसजादों और प्रभावशाली लोगों के कनेक्शन की बातें सामने आयीं हैं जिससे शहर में हड़कंप मचा हुआ है। Chhattisgarh Drug Racket
ऑपरेशन निश्चय: कैसे शुरू हुई कार्रवाई
रायपुर पुलिस ने ‘ऑपरेशन निश्चय’ के तहत 23 अगस्त को देवेंद्र नगर ओवरब्रिज के पास हर्ष आहूजा, मोनू विश्नोई और दीप धनोरिया को पकड़ा था। उनके पास से 27.58 ग्राम एमडीएमए, 85,300 रुपये नकद, एक कार और पांच मोबाइल फोन बरामद किए थे। इसके बाद जांच का दायरा बढ़ा और नव्या मलिक को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने नव्या से 30 घंटे और पंजाब के हिस्ट्रीशीटर पिंदर से 25 घंटे की पूछताछ की, जिसमें ड्रग्स नेटवर्क के कई बड़े खुलासे हुए।
रईसजादों और रसूखदारों से जुड़े तार
अब तक पुलिस जांच में ये सामने आया है कि नव्या और विधि नियमित रूप से मुंबई, गोवा, पुणे और दिल्ली की रेव पार्टियों में शामिल थीं। इन दोनों ने पुलिस कस्टडी में कबूला है की ये पार्टियां रायपुर के वीआईपी रोड, नवा रायपुर, मंदिर हसौद और चंद्रखुरी के होटलों, क्लबों और फार्महाउसों में आयोजित होती थीं। शुरुआत में 25-30 लोग इन आयोजनों में शामिल होते थे, लेकिन रात गहराने पर केवल 10-15 चुनिंदा लोग रह जाते थे, जहां ड्रग्स के साथ अश्लील गतिविधियां भी होती थीं। विधि अग्रवाल की इवेंट कंपनी ‘बिहाइंड द सीन्स’ न्यू ईयर और हाई-प्रोफाइल पार्टियों की आयोजक रही है। जबकि ‘नव्या मालिक’ इस सिंडिकेट की डार्लिंग के नाम से मशहूर है।
ड्रग्स का काला कारोबार: कैसे चलता था नेटवर्क
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नव्या मलिक दिल्ली और मुंबई से एमडीएमए और पंजाब के रास्ते पाकिस्तान से हेरोइन लाती थी। ड्रग्स की सप्लाई वॉट्सएप ग्रुप्स के जरिए शुरू होती थी, लेकिन बाद में केवल परिचित ग्राहकों को ही माल दिया जाता था। ऑनलाइन फॉर्म भरकर चुनिंदा लोग इन पार्टियों में शामिल होते थे। ड्रग्स की डिलीवरी होटल, पब, बार और आफ्टर-पार्टियों में एडवांस पेमेंट के बाद की जाती थी। पिंदर के सिंडिकेट में ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से हेरोइन बॉर्डर पार लाई जाती थी, जिसे ट्रकों या व्यक्तिगत तौर पर रायपुर पहुंचाया जाता था।
प्रभावशाली लोगों के नाम उजागर
नव्या मलिक की कॉल हिस्ट्री और चैट रिकॉर्ड से पुलिस को 350 से अधिक संदिग्ध नंबर मिले, जिनमें उद्योगपतियों, कारोबारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, नेता, नेताओं के बच्चे, रिश्तेदार और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के बच्चों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने करीब 850 रईसजादों की सूची तैयार की है, जो इस ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े थे। इनमें से कई होटल कारोबारी और राजनेताओं के बेटे भी हैं। पुलिस अब इन लोगों को काउंसलिंग के लिए बुलाने और उनके परिजनों को सूचित करने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा, 20 लाख रुपये की संपत्ति भी जब्त की गई है।
पुलिस की सख्ती और आगे की जांच
रायपुर पुलिस ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21(सी) और 29 के तहत केस दर्ज किया है। नव्या, विधि और अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। पुलिस ने इस बार रिमांड की मांग नहीं की जिससे संकेत मिलता है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। जांच अब क्लब और फार्महाउस मालिकों तक पहुंच रही है, जहां ये पार्टियां होती थीं। रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने मीडिया में कहा कि ‘ऑपरेशन निश्चय’ का मकसद इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना है। जल्द ही और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
ड्रग मामले में सियासी हलचल भी
इस मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है, बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपी नव्या मलिक का कांग्रेस से गहरा रिश्ता है और वह अमीर घरानों के युवाओं को ड्रग्स सप्लाई करती थी। उन्होंने कांग्रेस पर अपराधियों का साथ देने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शहर के चर्चित राजनीति और बड़े कारोबारी ढेबर परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका नशे के कारोबार से पुराना नाता है और कांग्रेस देश को बर्बाद करने में लगी है।
इसके बाद कांग्रेस ने इन आरोपों का जवाब दिया है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान से ड्रग्स की तस्करी खुले तौर पर हो रही है और युवाओं को रोजगार न देकर उन्हें नशे की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने बीजेपी पर इस मामले को दबाने और गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए।
रायपुर में ड्रग्स की बदलती तस्वीर
यह मामला रायपुर में ड्रग्स की दुनिया में बढ़ते जाल को सामने लाया है, पहले गांजा और अफीम जैसे पारंपरिक नशे का चलन था लेकिन अब एमडीएमए, एलएसडी और एक्टसी जैसी सिंथेटिक ड्रग्स ने शहर की नाइटलाइफ में जगह बना ली है। पुलिस का कहना है कि ड्रग्स की सप्लाई में कूरियर सर्विस, राइड-हेलिंग कार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल हो रहा है। यह नेटवर्क छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली, मुंबई और विदेशों तक फैला है, जिसमें हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन होता है।

