रायपुर। वृंदा करात, सीपीआई(एम) की वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग को एक सख्त पत्र लिखकर उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। यह पत्र छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 25 जुलाई 2025 को हुई एक गंभीर घटना से जुड़ा है, जहां नारायणपुर की तीन आदिवासी लड़कियां – कमलेश्वरी प्रधान, ललिता उसेंडी और सुकमति मंडावी – नौकरी की तलाश में आगरा जा रही थीं। उनके साथ एक आदिवासी युवक और दो नन थीं जो उन्हें अस्पताल में काम दिलाने वाली थीं। VRINDA KARAT ON DURG NUN CASE
लेकिन दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल की कार्यकर्ता ज्योति शर्मा और उनके साथियों ने उन्हें रोककर हमला किया, गालियां दीं और ननों पर जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया। पुलिस ने बिना जांच के ननों और युवक को गिरफ्तार कर लिया जबकि लड़कियों से जबरन बयान लिए गए। बाद में लड़कियों ने बताया कि उनके साथ बदसलूकी हुई और बयान मजबूरी में दिए गए।

इस मामले में पीड़ित लड़कियां पहले थाना पहुंची थीं लेकिन FIR दर्ज नहीं किया गया जिसके बाद पीड़ित युवतियां छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग पहुंचीं लेकिन 4 सितंबर 2025 को हुई सुनवाई में आयोग की सदस्यों ने उनका पक्ष सुनने के बजाय धर्मांतरण से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। सदस्यों ने पूछा, “धर्म क्यों बदल रहे हो?”, “नारायणपुर में नौकरी क्यों नहीं मिली?” और “गांव से शहर जाने से पहले पुलिस को क्यों नहीं बताया?” एक सदस्य ने तो सलाह दी, “मंदिर-चर्च के साथ मस्जिद भी जाओ।”
द लेंस’ की रिपोर्ट में पीड़ित लड़कियों ने अपना दर्द बताया था और कहा था की उन्हें आयोग से न्याय की उम्मीद नहीं है। इधर, वृंदा करात ने पत्र में आरोप लगाया कि आयोग राजनीतिक दबाव में है, वीडियो सबूत होने के बावजूद FIR दबाई जा रही है और लड़कियों का अपमान हुआ है। उन्होंने मांग की कि तुरंत FIR दर्ज हो दोषियों को सजा मिले और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।

2 अगस्त 2025 को बिलासपुर की NIA कोर्ट ने ननों और आदिवासी युवक को 50,000 रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी क्योंकि FIR शक पर आधारित थी और लड़कियों के परिवार ने शपथ-पत्र देकर कहा कि कोई जबरदस्ती नहीं थी। लड़कियों ने ज्योति शर्मा पर हमले, गालियों और रेप की धमकी की शिकायत की लेकिन अभी तक FIR नहीं हुई।
GRP से अब आयोग ने CCTV फुटेज मांगा है, लेकिन अब तक फुटेज नहीं सौंपा गया है। आयोग ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई अक्टूबर में हो सकती है। इस बीच, केरल में विरोध प्रदर्शन हुए और विपक्ष ने BJP पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया।