
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 कर्मचारी, प्रदेश के सभी 33 जिलों में, अपनी मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत सामूहिक इस्तीफा देने जा रहे हैं। यह कदम प्रशासन की सख्त कार्रवाई और प्रांतीय टीम की बर्खास्तगी के विरोध में उठाया जा रहा है।
18 अगस्त 2025 से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। NHM NIYAMITKARAN
कर्मचारियों की मांगों में नियमितीकरण सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं, जिनमें से कुछ पर सहमति बन चुकी है, लेकिन शेष मांगों पर अभी विचार चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने 29 अगस्त को आदेश जारी कर सभी कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया था। आदेश में साफ कहा गया था कि इसका पालन न करने पर कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं।
इसके बावजूद, हड़ताल जारी रखने वाले 25 अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। सरकार का कहना है कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दूसरी ओर, एक RTI के जवाब में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि NHM कर्मचारियों का नियमितीकरण राज्य सरकार का विषय है। केंद्र ने कहा कि अगर राज्य सरकार चाहे तो कर्मचारियों को नियमित कर सकती है। इस बीच शेष कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
यह स्थिति छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें जायज हैं और वे लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।
वहीं, सरकार का रुख सख्त है और वह स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कड़े कदम उठाने को तैयार है। इस आन्दोलन को रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का समर्थन भी मिला है।