नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित ‘अपमानजनक’ टिप्पणी के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के जवाब में, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने रविवार को भाजपा और रायपुर पुलिस पर तीखा कटाक्ष किया और कहा कि ‘मूर्खों को मुहावरे समझ नहीं आते’। MAHUA MOITRA
टीएमसी सांसद ने कथित तौर पर यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि अगर शाह बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने में नाकाम रहे, तो ‘सबसे पहले आपको अमित शाह का सिर काटकर अपनी मेज पर रखना चाहिए।’ उन्होंने कथित तौर पर यह टिप्पणी बंगाली में की थी। मोइत्रा के खिलाफ रायपुर के माना पुलिस थाने में बीएनएस की धारा 196 और 197 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
‘मूर्खों को मुहावरे समझ नहीं आते, तो हम भी वहीं हैं। ‘सिर कटेंगे’ कहने से असल में किसी का सिर नहीं कटता। यह एक मुहावरा है जो लाक्षणिक रूप से अपनी जिम्मेदारी पर जवाबदेही मांगने के लिए कहा गया है। जब रायपुर पुलिस फर्जी एफआईआर दर्ज करने के लिए गूगल ट्रांसलेट का इस्तेमाल करते हैं, तो यही होता है’ उन्होंने अपने जारी वीडियो में कहा और घोषणा की कि वह इसके खिलाफ अदालत जाएंगी।
मोइत्रा ने रायपुर एसपी का ध्यान इस ओर दिलाया कि कैसे उनके सहयोगी, कोंडागांव जिले के पुलिस प्रमुख अक्षय कुमार ने 12 जुलाई को उनके कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र के 12 प्रवासी मज़दूरों को उठाया, उन्हें गिरफ्तार किया, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उन्हें अवैध रूप से हिरासत में रखा। मैं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट गई, जिसने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और बाद में मामला वापस लेना पड़ा।
एक तीखी टिप्पणी में उन्होंने रायपुर पुलिस पर कटाक्ष करते हुए कोंडागांव एसपी द्वारा केस वापस लेने के बाद एक और मुहावरे ‘दुम दबाकर भागने’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, ‘इसी तरह आपने (रायपुर पुलिस ने) मेरे खिलाफ भी एक फर्जी FIR दर्ज की है ‘महुआ मोइत्रा ने कहा गला काट दिया’, बंगाली से अंग्रेजी और फिर हिंदी में गूगल ट्रांसलेशन करके ऐसा ही होता है।’
उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पढ़ी और बताया कि इसका क्या मतलब है। उन्होंने कहा ‘मैं अदालत जाऊंगी और यह चेहरे पर एक और तमाचा होगा तथा फिर और सिर कटेंगे।’ हालांकि, रायपुर पुलिस ने कहा कि स्थानीय निवासी गोपाल सामंतो ने मोइत्रा की टिप्पणी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि उनके शब्द ‘आपत्तिजनक और असंवैधानिक’ हैं और इससे 1971 से राजधानी के माना कैंप क्षेत्र में बसे बांग्लादेशी शरणार्थियों के खिलाफ अन्य समुदायों में आक्रोश भड़क सकता है।