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लेंस रिपोर्ट

बिहार चुनावी रंग: मंत्रियों को जनता ने दौड़ाया वहीं सत्ताधारी पार्टी के नजदीकी दबंग नेता हो रहे अदालत से बरी

राहुल कुमार गौरव
राहुल कुमार गौरव
Byराहुल कुमार गौरव
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Published: September 1, 2025 9:17 PM
Last updated: September 2, 2025 9:34 AM
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bihar katha
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बिहार चुनाव के रंग में रंग चुका है। सत्ता की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक देखने को मिल रही है। पिछले कुछ दिनों में बिहार सरकार के दो प्रभावशाली मंत्रियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा है वहीं सत्ताधारी पार्टी के नजदीकी बिहार के दो दबंग और क्रिमिनल नेता अदालत से बरी हो रहे हैं।

खबर में खास
क्या सत्ताधारी पार्टियां न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं?बिहार सरकार के मंत्रियों को जनता ने दौड़ाया

क्या सत्ताधारी पार्टियां न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं?

पिछले कुछ दिनों में बिहार के दो बड़े दबंग और क्षेत्रीय नेता अनंत सिंह और राजबल्लभ यादव अदालत से बरी हुए हैं। नाबालिग से रेप के मामले में निचली अदालत से सात साल पहले दोषी करार दिए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को अगस्त 2025 को पटना हाई कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया। न्यायालय ने अपने 315 पृष्ठों के निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में विफल रहा।

गौरतलब है कि अभियुक्त के खिलाफ 9 फरवरी, 2016 को बिहारशरीफ के निकट उसके आवास पर एक नाबालिग लड़की के साथ कथित रूप से बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया था। 15 साल की लड़की ने आरोप लगाया था कि आरोपियों में शामिल सुलेखा देवी ने बर्थडे पार्टी के बहाने अनजान जगह पर ले जाकर उसे जबरन शराब पिलाई और फिर उसे राजबल्लभ के पास भेज दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस केस के दौरान जुलाई 2017 में जेल में बंद राजबल्लभ यादव की निगरानी में डीएसपी मृदुला सिन्हा तैनात थीं। इस दौरान राजबल्लभ ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी।

राजबल्लभ यादव के बरी होने के लगभग एक हफ्ते बाद उनकी पत्नी विभा देवी एवं उनके नजदीकी राजद के एक अन्य विधायक प्रकाश वीर भाजपा में शामिल हो गए। 22 अगस्त को गयाजी में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में विभा देवी भी शामिल हुई थीं। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा नवादा सीट से विभा देवी को टिकट दे सकती है।

अनंत सिंह

जब राजद में था- दोषी और सज़ायाफ्ता। आजीवन कारावास। राजद छोड़ते ही बरी। रिहा।

राजवल्लभ यादव

जब राजद में था- दोषी और सज़ायाफ्ता। दस साल का कारावास। राजद छोड़ते ही बरी। रिहा।

यह मात्र संयोग है। मैं न्याय प्रक्रिया का दिल से आदर करता हूँ। pic.twitter.com/caJ7XYzPlW

— Casteless Bihar (@CastelessBihar) August 14, 2025

5 अगस्त 2025 को ही बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर चर्चित बाहुबली नेता अनंत सिंह को पटना हाई कोर्ट ने बरी कर दिया। अनंत सिंह 3 करोड़ की लैंड क्रूजर से अपने घर मोकामा गए। जेल से बाहर निकलते ही अनंत सिंह ने कहा कि “मैं नीतीश कुमार जी की पार्टी जदयू से चुनाव लड़ूंगा। नीतीश जी अभी 25 साल और रहेंगे। कौन क्या कह रहा है उससे हमको मतलब नहीं है।”

गौरतलब है कि 22 जनवरी 2025 की शाम राजधानी पटना से 110 किलोमीटर दूर नौरंगा गांव में गोलीबारी हुई थी। इस मामले में अनंत सिंह ने कहा था कि सरकारी नियम का पालन करना होता है। हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई तो हमने सरेंडर किया और जेल जा रहे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक समय में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े दोनों दबंग नेताओं के बरी होने पर सवाल उठता है कि क्या सत्ताधारी पार्टियां न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं? विपक्षी पार्टी के कई बड़े नेता इनडायरेक्टली आरोप लगा चुके हैं कि कोर्ट पर भी सत्ताधारी पार्टी का असर रहता है। कुछ दिन पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि भाजपा वाशिंग मशीन है, जिससे वर्षों पुराने मामलों के आरोपी बेदाग निकल आते हैं।

पटना हाई कोर्ट के वकील सत्येंद्र कुमार बताते हैं कि “बिहार में कई जातीय नरसंहार हुए। कितनों को सजा मिली? सीधी सी बात है कि क्रिमिनल केसों में किसी भी अभियुक्त को सजा तब दी जाती है जब उस पर आरोप बिना किसी संदेह के साबित हो। वैसे भी पीड़ित पक्ष के पास जब उपयुक्त संसाधन और बल नहीं हो तो अक्सर वो बेबस ही नजर आते हैं।”

बिहार सरकार के मंत्रियों को जनता ने दौड़ाया

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। दिनकर के इस पंक्ति को बिहार की जनता हकीकत में दिखा रही है। हाल के कुछ दिनों में बिहार सरकार के दो प्रभावशाली मंत्रियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा है

बिहार के मंत्री मंगल पांडे को जनता ने आईना दिखा दिया, काम की जगह वादों की राजनीति करने वालों को जनता अब बर्दाश्त नहीं करती।

मंत्री जी का स्वागत नारे से नहीं, ग़ुस्से से हुआ, जनता ने बता दिया कि अब धोखा नहीं चलेगा।@JmmJharkhand @jansuraajonline @RJDforIndia @INCBihar pic.twitter.com/E1XGBCplFg

— राजनीतिक चर्चा (@rajneeti_jh) August 29, 2025

25 अगस्त को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को पटना के अटल पथ पर जनता के भयंकर विद्रोह का सामना करना पड़ा। दरअसल 15 अगस्त को पटना के इंद्रपुरी इलाके के रोड नंबर 12 में दो भाई-बहन के शव मिले। इस पर आम लोगों ने आरोप लगाया कि पहले बच्चों की हत्या की गई और फिर उनके शवों को जला दिया गया। वहीं पुलिस का कहना है कि दोनों की जान दम घुटने से गई है। इसी मसले को लेकर आक्रोशित परिजनों और स्थानीय लोगों ने अटल पथ पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान मंत्री मंगल पांडे की गाड़ी पर हमला किया गया था।

बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार व नालंदा के सांसद सोहसराय स्थित किसान कॉलेज में एक उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान कॉलेज के एक प्रोफेसर ने सांसद कौशलेंद्र कुमार को हग करना चाहा। इतनी सी बात पर मंत्री जी का गुस्सा फूट पड़ा। बाकी, जो कुछ हुआ वह वीडियो में देखें।#Bihar pic.twitter.com/Qqt2bAmS7h

— Vivekanand Singh Kushwaha (@Journo_vivek) March 14, 2024

वहीं दो-तीन दिन बाद यानी 27 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार पर नालंदा में ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नालंदा के हिलसा थाना क्षेत्र स्थित मलावां गांव में मंत्री सड़क हादसे में मारे गए 9 लोगों के परिवार से मिलने पहुंचे थे।

बात करने से पहले ही आक्रोशित लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि “सड़क दुर्घटना में जीविका दीदियों की मौत हुई थी। मैं सरकार की ओर से हर संभव मदद सुनिश्चित करने के लिए वहां पहुंचा था। लेकिन उनमें से कुछ लोग नाराज हैं, इसकी मुझे जानकारी नहीं थी।”

नालंदा के स्थानीय पत्रकार सृजन के मुताबिक “आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब एक किलोमीटर तक उनका पीछा किया। इस हमले में श्रवण कुमार के बॉडीगार्ड घायल हो गए हैं। इसके बाद गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई।” इन दोनों घटनाओं के वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे हैं।

नालंदा के स्थानीय नागरिक डिंपल यादव बताते हैं कि “यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि जनता और नेताओं के बीच बढ़ती दूरी की तस्वीर है। सोचिए श्रवण कुमार को नीतीश कुमार के गृह जिले में विरोध का सामना करना पड़ रहा है।”

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