रायपुर। छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचलें तेज हैं, लेकिन विस्तार कब होगा यह अभी तक तय नहीं है। विस्तार की चर्चाएं सत्तारूढ़ भाजपा में लोगों की धड़कन बढ़ा रही हैं। अलग–अलग तारीखों की चर्चा होने लगी।लेकिन सोमवार रात तक विस्तार की तारीख की कोई औपचारिक सूचना नहीं थी। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह सोमवार शाम को दिल्ली रवाना हुए हैं और उधर राजभवन भी राजनीतिक सक्रियताओं का केंद्र बना रहा। कोई विधायक राजभवन की दौड़ लगाते दिखे, कोई मुख्यमंत्री की चौखट पर थे। दिलचस्प यह है कि ऐसा संभवतः पहली बार दिखा कि विस्तार से पहले राजभवन में ऐसी सक्रियता थी। 20 अगस्त को तीन मंत्रियों के शपथ ग्रहण की बात सामने आई है।
वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल तथा विधायक पुरंदर मिश्रा राज्यपाल रेमन डेका से मिलने राजभवन पहुंचे।इनकी मुलाकातें अलग–अलग ही हुईं इसलिए कहा नहीं जा सकता कि मुलाकात केवल औपचारिक थी या किसी तरह की राजनीतिक चर्चा भी हुई।लेकिन ये दोनों ही ऐसे नाम हैं जिनके नाम संभावित मंत्रियों की सूची में हैं। बस तय यह होना है कि मंत्रिमंडल में कितने ब्राह्मण, कितने वैश्य होंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी राज्यपाल से मिले थे।इस मुलाकात पर भी प्रेक्षकों की नजर थी।
उधर मुख्यमंत्री निवास तो स्वाभाविक रूप से इन हलचलों के केंद्र में था। अनेक विषयों विधायक सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे थे। इनमें गजेंद्र यादव, खुशवंत गुरु, गोमती साय, राजेश अग्रवाल, इंद्र कुमार साहू आदि शामिल हैं।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि अभी तक एक नाम तय है– गजेंद्र यादव। गजेंद्र यादव के नाम के साथ ही पार्टी यादव समाज को प्रतिनिधित्व देना चाहती है।
डॉ. रमन सिंह का दिल्ली जाना यूं तो बताया गया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को नए विधानसभा भवन के उद्घाटन का न्योता देने के लिए दिल्ली गए हैं, लेकिन पार्टी सूत्र अनुमान व्यक्त कर रहे हैं कि डॉ.रमन सिंह राजेश मूणत के लिए भी दिल्ली में कोशिश करेंगे। राजेश मूणत उनके करीबी हैं और उनकी सरकार में मंत्री भी रहे हैं लेकिन साय सरकार में उन्हें जगह नहीं मिली। राजेश मूणत को मूलतः संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाला नेता माना जाता है। मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर डॉ. रमन ने कहा कि इसका फैसला मुख्यमंत्री को करना है। यह उनका विशेषाधिकार है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस से बीजेपी में आए एक विधायक राजेश अग्रवाल के नाम का भी मीडिया में हल्ला है। लेकिन आसार यही हैं कि अमर अग्रवाल, राजेश अग्रवाल और राजेश मूणत में से किसी एक को ही जगह दी जा सकती है।
सोमवार की रात एक चर्चा यह भी थी कि इस बार छत्तीसगढ़ में हरियाणा फार्मूले की तर्ज पर 14 मंत्री होने जा रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि विस्तार में 3 विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा।
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