रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने की कगार पर हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। इस हड़ताल में आपातकालीन सेवाएं, जैसे नवजात शिशु देखभाल इकाई (SNCU) भी पूरी तरह बंद रहेंगी। NHM कर्मचारी संघ ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार को 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया था लेकिन कोई ठोस कदम न उठने से नाराज कर्मचारियों ने यह कठोर फैसला लिया है। इस हड़ताल से अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। nhm chhattisgarh strike
NHM कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी और महासचिव कौशलेश तिवारी ने द लेंस को बताया कि कर्मचारी लंबे समय से स्थायीकरण 27% वेतन वृद्धि, ग्रेड पे निर्धारण, कैशलेस चिकित्सा बीमा जैसी मांगें उठा रहे हैं। पिछले 20 सालों से ये कर्मचारी ग्रामीण इलाकों से लेकर बड़े अस्पतालों तक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं फिर भी उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। सरकार को पहले ही कलेक्टरों, सीएमएचओ और बीएमओ के माध्यम से हड़ताल की सूचना दे दी गई है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द बातचीत शुरू नहीं की तो स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
पिछले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल ने अपने घोषणा पत्र में NHM कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया था। कई बड़े नेताओं ने भी समर्थन का आश्वासन दिया था लेकिन 20 महीनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कर्मचारी संघ का कहना है कि कोविड-19 जैसी महामारी में भी उन्होंने जान जोखिम में डालकर काम किया, फिर भी उनकी अनदेखी हो रही है। यह हड़ताल खासकर ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है, जहां पहले से ही सुविधाएं सीमित हैं।