नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर से लगातार 12वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देश को संबोधित किया। करीब 104 मिनट के अपने अब तक के सबसे लंबे स्वतंत्रता दिवस भाषण में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल और विकसित भारत के सपने पर विस्तार से बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का जिक्र करते हुए इसके 100 साल के योगदान को गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि RSS की सेवा, समर्पण और अनुशासन की भावना ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बनाया है। यह पहली बार था जब लाल किले की प्राचीर से किसी प्रधानमंत्री ने RSS की प्रशंसा की। पीएम ने कहा, ‘100 साल की इस राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है।’ यह ऐतिहासिक उल्लेख राजनीतिक और सामाजिक मायनों में चर्चा का विषय बन गया है।
आपातकाल का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आपातकाल (1975-77) का उल्लेख करते हुए इसे लोकतंत्र पर एक धब्बा बताया। उन्होंने कहा कि देश ने उस दौर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर हमले देखे, लेकिन जनता के संकल्प ने लोकतंत्र को फिर से मजबूत किया। यह जिक्र मौजूदा समय में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर पर खून और पानी का उदाहरण
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान उन्होंने सिंधु नदी जल समझौते का उल्लेख करते हुए किसानों के हितों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत ने यह निर्णय लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। भारतीय नदियों का पानी शत्रुओं के खेतों को नहीं सींचेगा। भारत को उसका पूरा हक मिलेगा।”
कागजी न हो विकास
मोदी ने यह भी कहा कि सरकार का काम केवल कागजों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाला होना चाहिए। उन्होंने बताया कि पहले की योजनाएं भी थीं, लेकिन उनकी सरकार इन योजनाओं को जमीन पर उतारती है ताकि कोई भी हकदार छूट न जाए।
जनधन खातों ने आम लोगों को यह भरोसा दिलाया कि बैंक उनके लिए भी खुले हैं। आयुष्मान भारत योजना से बुजुर्गों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं दूर हो रही हैं।
पीएम आवास योजना के तहत चार करोड़ लोगों को घर मिलना उनके सपनों को साकार करने जैसा है। पीएम स्वनिधि योजना के जरिए रेहड़ी-पटरी वालों की चिंताओं का समाधान किया जा रहा है। ऐसी योजनाएं, जो वास्तव में लागू होती हैं, लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां इस पर भरोसा जता रही हैं। इसका फायदा किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग को मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार नए प्रयास कर रही है।
घुसपैठ और डेमोग्राफी बदलाव
प्रधानमंत्री ने अवैध घुसपैठ और जनसांख्यिकीय बदलाव (डेमोग्राफी) पर चिंता जताई, हालांकि उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) या राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का सीधा जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी जनसांख्यिकी को बदलने की साजिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा और घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह बयान सीमा सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
युवाओं के लिए नौकरी
प्रधानमंत्री ने युवाओं के लिए एक लाख करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना’ का उल्लेख किया, जिसके तहत निजी क्षेत्र में नई नौकरियों में पहली तनख्वाह के रूप में 15,000 रुपये का प्रोत्साहन देने की बात कही गई। हालांकि इस योजना का जिक्र पहले भी हो चुका है, लेकिन पीएम ने इसे 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य से जोड़ते हुए युवाओं को रोजगार और नवाचार के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह योजना आज से लागू हो रही है, जो साढ़े तीन करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा करेगी।
जीएसटी को लेकर क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि इस बार दीवाली पर देशवासियों को एक खास उपहार मिलेगा, जिसे उन्होंने ‘डबल दीवाली’ कहा। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में जीएसटी जैसे बड़े सुधारों के जरिए पूरे देश में कर के बोझ को कम करने और कर प्रणाली को सरल बनाने का काम किया गया है। अब समय आ गया है कि इसकी समीक्षा की जाए। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई और राज्यों के साथ भी चर्चा की गई।
उन्होंने आगे बताया कि सरकार ‘नई पीढ़ी के जीएसटी सुधार’ लाने जा रही है, जो दीवाली पर देशवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित होगा। इन सुधारों से आम लोगों के लिए करों में भारी कमी आएगी, जिससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। साथ ही, छोटे और मझोले उद्यमियों (एमएसएमई) को भी बड़ा फायदा होगा। रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
2030 का लक्ष्य 2025 में पूरा
पीएम मोदी ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने 2030 तक 50 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य तय किया था, जिसे 2025 में ही हासिल कर लिया गया। उन्होंने सौर, पवन, और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में भारत की प्रगति को रेखांकित किया और इसे वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत का योगदान बताया।
आयात-निर्यात पर जोर
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बार-बार आत्मनिर्भर भारत का जिक्र किया, विशेष रूप से आयात पर निर्भरता कम करने और निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया। बिना किसी देश (जैसे अमेरिका) का नाम लिए, उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामरिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों को और मजबूत करने की बात कही।
सुदर्शन चक्र योजना को लेकर क्या कहा?
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पीएम मोदी ने ‘सुदर्शन चक्र’ योजना की घोषणा की, जिसे भारत का ‘आयरन डोम’ कहा जा रहा है। यह योजना देश की सीमाओं और महत्वपूर्ण ठिकानों को सुरक्षित करने के लिए स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी। पीएम ने इसे अगले 10 वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा को अभेद्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।