लेंस डेस्क। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को चिशोती गांव के पास बादल फटने की घटना में 46 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान भी शामिल हैं। अचानक बाढ़ आ जाने से दो पुल भी छतिग्रस्त हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बादल फटने के बाद गांव में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के बाद 167 लोगों को बचा लिया गया। इनमें से 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
अनुमान है कि बादल फटने के स्थान पर 1,000 से अधिक लोग मौजूद थे, सेना, आपदा राहत बल और स्थानीय लोग घायलों को कीचड़ और पत्थरों के ढेर से निकालकर अस्पताल पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। कई पीड़ितों को तो यह भी पता नहीं था कि उनके साथ क्या हुआ है।
बादल फटने से इस सुदूर गांव में अफरा-तफरी मच गई है, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने घरों और बुनियादी ढांचे को तहस-नहस कर दिया है। बचाव दल खतरनाक इलाकों और प्रतिकूल मौसम की स्थिति से जूझते हुए, जीवित बचे लोगों का पता लगाने और उनकी सहायता के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
जिला प्रशासन के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। इस हादसे में लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि चशोती क्षेत्र, जो मचैल माता यात्रा का शुरुआती बिंदु है, वहां अचानक बाढ़ ने तबाही मचाई। बचाव अभियान शुरू हो चुका है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा और स्थानीय विधायक ने घटनास्थल का दौरा किया और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन स्थिति का आकलन करने में जुटा है, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की है। चशोती क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान की आशंका है। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है, और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। नुकसान का आकलन किया जा रहा है, और चिकित्सा सुविधाओं सहित जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय ने सोशल मीडिया पर शोक जताते हुए कहा कि चशोती, किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना दुखद है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की गई। सिविल प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को राहत कार्यों को तेज करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए गए हैं।
बचाव काम में जुटी टीमें
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर दुख जताया और कहा कि प्रशासन प्रभावित परिवारों के साथ है। उन्होंने बताया कि सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर मौजूद है। प्रशासन नुकसान का जायजा ले रहा है और यात्रियों व स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। यात्रा मार्ग पर चिकित्सा केंद्रों में पर्याप्त दवाएं और डॉक्टरों की व्यवस्था भी की गई है।
भारी बारिश का अलर्ट
श्रीनगर मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसमें कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपुरा, श्रीनगर, गंदेरबल, बडगाम के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ पुंछ, राजौरी, रियासी, उधमपुर, जम्मू, डोडा और किश्तवाड़ शामिल हैं। मौसम विभाग ने काजीगुंड-बनिहाल-रामबन राजमार्ग पर भी भारी बारिश की संभावना जताई है। बादल फटने, अचानक बाढ़, भूस्खलन और पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है, खासकर पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में।