द लेंस। वरिष्ठ कवि-पत्रकार विमल कुमार ने बिहार सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा दिए जाने वाला दिनकर पुरस्कर ठुकराया दिया है। इसकी घोषणा खुद विमल कुमार ने फेसबुक पर बिहार के राजभाषा विभाग को भेजे पत्र के जरिये की है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित अपने पत्र में विमल कुमार ने लिखा है, ‘मुझे बेहद प्रसन्नता है कि आपके राजभाषा विभाग ने दिनकर पुरस्कार के लिए मेरे नाम का चयन किया है और इससे भी अधिक प्रसन्नता की बात है कि हिंदी के स्वनामधन्य आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी को शिखर सम्मान के लिए चुना गया है।’
विमल कुमार ने पुरस्कार ठुकराते हुए लिखा है, ‘मैँ वर्षों तक एक पत्रकार के रूप में एक समाचार एजेंसी की ओर से दिल्ली से बिहार सरकार और पार्टी को कवर करता रहा हूँ ,इस नाते नैतिक रूप से यह उचित नहीं होगा कि मैं यह पुरस्कार ग्रहण करूँ।
विमल कुमार लंबे समय तक समाजार एजेंसी यूनीवार्ता से जुड़े रहे हैं। इन दिनों वे एक पत्रिका स्त्रीलेखा का संपादन कर रहे हैं। 1980 के दशक में अपनी कविताओं से हिन्दी साहित्य में जगह बनाने वाले विमल कुमार के कई काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।