रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय की अतिथि शिक्षक विज्ञापन भर्ती पर विवाद शुरू हो गया है। प्रबंधन द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के नियमों को अनदेखा करके जारी किए गए विज्ञापन पर अतिथि शिक्षक लामबंद हो गए हैं। अतिथि शिक्षकों ने सोमवार को विश्विवद्यालय के कुलपति से मुलाकात करके 6 सूत्रीय मांगें रखी हैं। इसके अलावा अब लगभग 16-17 अतिथि शिक्षकों ने आज उच्च शिक्षा विभाग और राज्यपाल रामेन डेका को आवेदन दिया है। अतिथि शिक्षकों के अनुसार, उनकी मांगें पूरी की जाए और उन्हें भर्ती प्रक्रिया से मुक्त किया जाए। अतिथि शिक्षकों के अनुसार विश्वविद्यालय में बीते 9 वर्षों से पढ़ा रहे हैं, लेकिन प्रबंधन द्वारा जारी विज्ञापन में उनकी मौजूदगी को अनदेखा कर दिया गया है। kushabhau university issue

विवाद से हो रही छात्रों को परेशानी
शिक्षक भर्ती में वरीयता नहीं दिए जाने से नाराज शिक्षकों ने छात्रों की क्लास लेना बंद कर दिया है। इस स्थिति में छात्रों को परेशानी हो रही है। छात्रों की परेशानी के बीच विवि प्रबंधन ने परिस्थितियों को देखते हुए परमानेंट प्रोफेसरों को जिम्मेदारी संभालने के लिए दी है। छात्रों की संख्या ज्यादा होने से प्रोफेसर भी समय पर क्लास नहीं ले पा रहे हैं और इस स्थिति में छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी में प्रथम सेमेस्टर के छात्र हैं। उनकी अभी पढ़ाई अच्छी तरह से शुरू नहीं हुई और विवि और अतिथि शिक्षक आमने-सामने आ गए हैं। छात्र भी पढ़ाई ना होने पर प्रबंधन से समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों ने कुलपति को ज्ञापन दिया है, अतिथि शिक्षकों के अनुसार वो वर्तमान में विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं। इसके बाद भी विवि प्रबंधन ने बीच सत्र में विज्ञापन निकाल दिया। वर्तमान में विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षक ज्यादा हैं, इसके बाद भी पदों की संख्या को कम कर दिया गया है। इसके साथ ही वर्तमान में पोस्टेड अतिथि शिक्षकों के पद को रिक्त बताया गया है। अतिथि शिक्षकों के अनुसार, उच्च शिक्षा विभाग की अतिथि शिक्षक पॉलिसी प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालय में एक साथ लागू हुई है। प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने अतिथि शिक्षक भर्ती में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश का पालन करते हुए पॉलिसी लागू होने से पहले पूर्व से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता दी। इन शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया से गुजारे बिना विवि में नियुक्त किया गया। लेकिन कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय प्रबंधन इसे फॉलो नहीं कर रहा है।
कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के कुलपति आईएएस महादेव कावरे से शिक्षकों की शिकायत को लेकर चर्चा की गई। आईएएस कावरे ने अतिथि शिक्षकों द्वारा कार्यालय पहुंचने की बात स्वीकारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रोसेस से गुजरने के लिए कहा गया है।