नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) के ओएसडी राजीव दत्ता पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मानव तस्करी के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मामला मानव तस्करी के इस मामले में पीएमओ तक शिकायत पत्र दिया गया था पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट के आदेश पर उक्त मामले की जांच चर्चित IPS दिनेश एम एन को सौंपी गई है। राजीव दत्ता राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी हैं।
इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के ओएसडी राजीव दत्ता के साथ साथ रविंदर गौड़ आईजी कोटा, गंगा सहाय, राजेन्द्र कुमार मीणा (एसपी बूंदी), रमेश आर्य एसएचओ सदर बूंदी, सुनील खटाना व अन्य लोगो के विरुद्ध भी जांच का आदेश दिया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के ओएसडी राजीव दत्ता पर लगे मानव तस्करी के आरोपों की राजस्थान हाईकोर्ट ने गहन जांच के निर्देश दिए हैं। अदालत ने इस संवेदनशील मामले की विस्तृत कानूनी जांच कर आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। महत्वपूर्ण है कि इस मामले में कई एफआईआर और शिकायती पत्र दर्ज हैं, जिनमें अजमेर, पाली, कोटा और बूंदी जैसे जिलों में मानव तस्करी, शोषण और अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं। जांच के घेरे में कोटा के IG, डिप्टी CM, SP बूंदी और अन्य अधिकारियों के नाम भी हैं।
अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जब तक याचिकाकर्ता जांच में पूरी भागीदारी और सहयोग सुनिश्चित न करें, तब तक उनके खिलाफ गिरफ्तारी समेत कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि चर्चित आईपीएस और डीजीपी राजस्थान, एडीजी (अपराध) दिनेश एम.एन. की निगरानी में इस मामले क त्वरित जांच की जाए और उसकी प्रगति रिपोर्ट अदालत में सौंपी जाए।
इस बीच, याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय तक को पत्र लिखकर बताया है कि कैसे उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है और झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। अदालत ने इन तमाम तथ्यों को देखते हुए पूरे मामले को अत्यंत गंभीर और गहन जांच योग्य माना है।
मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से यह भी कहा गया कि इस पूरे गिरोह की जांच अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम 1989 के तहत भी होनी चाहिए, क्योंकि कई पीड़ित इस वर्ग से संबंधित हैं।