लेंस डेस्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए आयात शुल्क बढ़ाने की चेतावनी दे रहे हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि ट्रंप ने स्वीकार किया कि उन्हें यह नहीं पता कि अमेरिका खुद रूस से कितना यूरेनियम और उर्वरक आयात करता है। यानी वे अपने देश के व्यापार का हिसाब नहीं जानते, लेकिन दूसरों के व्यापार पर सवाल उठा रहे हैं। ट्रंप ने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर शुल्क बढ़ाने की बात दोहराई, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि शुल्क कितना होगा।
भारत ने ट्रंप की बार-बार की धमकियों के जवाब में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के दोहरे रवैये को उजागर किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका अब भी रूस से अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात करता है।
जब ट्रंप से इस बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, “मुझे इसकी जानकारी नहीं है, मुझे इसे देखना होगा।” यह बयान उन्होंने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया, जो मूल रूप से 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक पर चर्चा के लिए थी।
रूस ने तीन साल पहले यूक्रेन पर हमला शुरू किया था और यह युद्ध अब तक जारी है। इसके बावजूद अमेरिका रूस से अरबों डॉलर का सामान आयात कर रहा है, जिसमें समृद्ध यूरेनियम भी शामिल है। जनवरी 2022 से अमेरिका ने 24.51 अरब डॉलर का रूसी सामान आयात किया। अकेले 2024 में, अमेरिका ने रूस से 1.27 अरब डॉलर के उर्वरक, 624 मिलियन डॉलर के यूरेनियम और प्लूटोनियम और 878 मिलियन डॉलर के पैलेडियम का आयात किया।
रूस से ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत शुल्क की बात पर ट्रंप ने कहा, “मैंने कोई प्रतिशत नहीं बताया, लेकिन हम इस दिशा में कुछ करेंगे। हम जल्द देखेंगे कि क्या होता है। रूस के साथ हमारी कल बैठक है।”
अमेरिका रूस के बीच क्या होता ट्रेड
भारत ने ट्रंप की धमकियों का करारा जवाब देना शुरू किया है। भारत ने कहा कि वह अपनी आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। भारत को निशाना बनाना अनुचित और गलत है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि 2024 में यूरोपीय संघ ने रूस के साथ 67.5 अरब यूरो का माल और 2023 में 17.2 अरब यूरो का सेवा व्यापार किया, जो भारत-रूस व्यापार से कहीं अधिक है।
यूरोपीय देशों ने पिछले साल रूस से 16.5 मिलियन टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात की, जिसमें ऊर्जा के अलावा उर्वरक, रसायन, इस्पात और मशीनरी शामिल थी। भारत ने यह भी जोर दिया कि अमेरिका रूस से परमाणु संयंत्रों के लिए यूरेनियम, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पैलेडियम, और उर्वरक जैसे महत्वपूर्ण सामान आयात कर रहा है।