रायपुर. रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल में 38 वर्षीय व्यक्ति संतोष ध्रुव की रेबीज के कारण मौत हो गई। बिलासपुर के पंडरिया तखतपुर निवासी संतोष को सात महीने पहले कुत्ते ने काटा था, लेकिन उन्होंने चिकित्सा सलाह लेने के बजाय घरेलू उपचार पर भरोसा किया और एंटी-रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई। 31 जुलाई की रात को गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया जहां पानी से डर, चिड़चिड़ापन और आक्रामक व्यवहार जैसे रेबीज के लक्षण दिखाई दिए। अस्पताल ने इस मामले की पूरी जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताई है। rabees death
2 अगस्त की सुबह संतोष आइसोलेशन वार्ड से गायब मिले और कोविड वार्ड के पास घायल अवस्था में पाए गए। उनके चेहरे पर चोट और पैरों में दर्द था और वह परिजनों से सामान्य बातचीत कर रहे थे। डॉक्टरों ने ENT, ऑर्थोपेडिक और सर्जरी विभाग में जांच के साथ CT स्कैन की योजना बनाई, लेकिन रेबीज के बढ़ते प्रभाव के कारण मरीज बेहद आक्रामक हो गया जिससे कोई जांच संभव नहीं हुई। दोबारा आइसोलेशन में शिफ्ट करने के बाद 2 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना को मेडिको-लीगल केस मानकर पुलिस को सूचित किया गया और शव को रेबीज प्रोटोकॉल के तहत मर्चुरी में रखा गया।
3 अगस्त को पोस्टमॉर्टम हुआ और जांच टीम को भी रेबीज वैक्सीन दी गई।अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मरीज के इलाज में सभी जरूरी कदम उठाए गए और परिजनों को हर जानकारी दी गई। इस दुखद घटना ने रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता की जरूरत को फिर से उजागर किया है। अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि कुत्ते या किसी जानवर के काटने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय पर एंटी-रेबीज वैक्सीन लें। यह मामला सबक है कि लापरवाही जानलेवा हो सकती है जबकि सही समय पर वैक्सीनेशन से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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