रायपुर। छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।केरल से कांग्रेस सांसदों के एक दल के दुर्ग जेल पहुंचने के बाद मंगलवार दोपहर को लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसदों का एक दल भी दुर्ग जाने के लिए रायपुर पहुंचा। इस दल में भी सांसदों के अलावा सीपीआई (एम) और सीपीआई के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।इन नेताओं ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में सरकार के संरक्षण में बजरंग दल ईसाइयों पर हमले कर रहा है। Chhattisgarh arrest of nuns
विमानतल पर इन नेताओं ने संवाददाताओं से बात करते हुए ननों की गिरफ्तारी पर तीखी नाराजगी व्यक्त की और इसे ईसाई मिशनरियों पर ,उनके बुनियादी अधिकारों पर हमला कहा। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार में बजरंग दल को ऐसा करने की खुली छूट दे दी गई है।

लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल सीपीआई (एम) की वृंदा करात ने कहा कि ये संविधान के ऊपर जबरदस्त हमला है। उन्होंने सवाल किया कि जिस तरह बजरंग दल को खुली छूट दी गई। जिस तरह से सरकार की सहायता से दो सिस्टर्स को अपमानित किया गया है और एक महिला जिसने पुलिस के संरक्षण में ये सब किया उस पर केस लगा है या नहीं ? उन्होंने कहा कि ननों को गिरफ्तार कर के रखा है।इसके खिलाफ कल हम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलने की कोशिश करेंगे।वृंदा करात ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो हो रहा है यह भारत के संविधान के अनुकूल नहीं है।उस पर हमला है।हम उस हमले के खिलाफ आए हैं।

एक सवाल के जवाब में सुश्री करात ने कहा कि ये धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है ये उन लड़कियों की मर्जी से, उनके पालकों की अनुमति से आगरा लेकर जा रहे थे।इसमें धर्म परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं।
केरल कांग्रेस(एम)के सांसद जोस के मनी ने कहा कि ये पहली बार नहीं है। जब से बीजेपी सत्ता में आई है ईसाइयों पर हमले हुए हैं।

इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता अनिराजा ने कहा कि उत्तर भारत में बीजेपी शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों,खासतौर पर ईसाई मिशनरियों के खिलाफ हमले बढ़े हैं।उन्होंने कहा कि ये मिशनरी अपने घरों से दूर रह कर सामाजिक मुद्दों पर काम करते हैं,गरीबों की मदद करते हैं।इन पर फर्जी केस लगा कर जेल भेजा जा रहा है।यह भेदभाव है,नागरिकों के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ है और हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।हम मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश करेंगे और मांग करेंगे कि उन्हें ना केवल जमानत मिले बल्कि उनके खिलाफ यह मामला ही खत्म हो।
रायपुर एयरपोर्ट से प्रतिनिधिमंडल दुर्ग गए थे। वहां केंद्रीय जेल जाकर गिरफ्तार दोनों नन से मिलने की कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन ने मिलने नहीं दिया। बुधवार को इस प्रतिनिधिमंडल की नन से मुलाकात होगी।
सीपीआई (एम) की पोलित ब्यूरो की तरफ से इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। प्रेस को दिए बयान में कहा गया कि दोनों नन के खिलाफ जो चार्ज लगाए गए हैं, वे मेरिट के बिना हैं। यह कार्रवाई मौलिक अधिकारों को हनन है। दोनों नन की गिरफ्तारी सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि संविधान से मिले धर्म निरपेक्षता के अधिकारों की व्यापक स्तर पर अनदेखी है।