राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव के एक सरकारी स्कूल की छत के ढह जाने से सात बच्चों की मौत ने स्तब्ध कर दिया है। यह हादसा सरकारी संवेदनहीनता और आपराधिक लापरवाही का नतीजा है। आरंभिक तौर पर पता चला है कि स्कूल की इमारत पहले से ही काफी जर्जर थी और पिछले दिनों हुई बारिश के कारण यह और कमजोर हो गई। स्कूल की इमारत कितनी बदहाल हो चुकी थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हादसे के बाद पता चला कि स्कूल की दीवारों में पौधे उग आए हैं! जाहिर है, तीस से चालीस साल पुराने स्कूल की मरम्मत का काम पिछले कई बरसों में नहीं हुआ। हैरत नहीं कि इसी साल की शुरुआत में राजस्थान विधानसभा के सत्र के दौरान कुछ विधायकों ने राज्य के जर्जर सरकारी स्कूल भवनों को लेकर सवाल किए थे। अब इस हादसे को उन सवालों के जवाब के तौर पर देखा जा सकता है। यदि इस हादसे को राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश के अधिकांश हिस्सों में खासतौर पर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में सरकारी स्कूलों की दशा पर एक केस स्टडी की तरह देखा जाए तो यह एक गंभीर चेतावनी भी है। वास्तव में सरकारी स्कूलों को जिस तरह से सुनियोजित तरीके से कमजोर किया जा रहा है, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। यूडीआईएसई + Unified District Information System for Education Plus (UDISE+) के आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 2021-22 की तुलना में 2023-24 में दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या 99.12 लाख से घटकर 83.81 लाख रह गई! जिस तरह से निजी स्कूलों की धंधा चमका है और जिस तरह उन्हें वर्गीय विभाजन का प्रतीक बना दिया गया है, उसमें हैरत नहीं कि सरकारी स्कूलों में अधिकांश बच्चे हाशिये और वंचित तबके के परिवारों से आते हैं। झालावाड़ के इस स्कूल के बारे में तो यह भी पता चला है कि यहां के अधिकांश बच्चे भील आदिवासी समुदाय और अनुसूचित जाति के हैं। इस जिले की विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और झालावाड़ के उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह ने राज्य की अपनी ही पार्टी की सरकार को इस हादसे के बाद सवालों से घेरा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह सिर्फ राजनीतिक रस्म अदायगी न हो, बल्कि इससे जवाबदेही भी सुनिश्चित हो और इस हादसे को सबक की तरह लिया जाए। आखिर उन बच्चों का क्या दोष, वे तो स्कूल पढ़ने गए थे।
उन बच्चों की मौत के गुनहगार कौन हैं?

RAJASTHAN JHALAWAR SCHOOL
Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!
Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
Popular Posts
“वह अजीब और गुस्सैल इंसान”, ग्रेटा थनबर्ग के अपहरण दावे पर ट्रंप ने ऐसा क्यों कहा
द लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को…
By
Lens News
75 के खेल में भागवत ने मोदी शाह को उलझाया, पीएम गृहमंत्री के रिटायरमेंट की चर्चा जोरों पर
नई दिल्ली। जब आप भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी की शाल ओढ़े तस्वीर…
By
Awesh Tiwari
माओवादी प्रवक्ता ने बसवराजू को पकड़कर मारने का लगाया आरोप, पुलिस ने कहा – कुख्यात माओवादी नेता मुठभेड़ में मारा गया
रायपुर। माओवादियों ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ…
By
Danish Anwar