सुकमा से शेख मकबूल की रिपोर्ट
सुकमा। बस्तर का सबसे खूंखार नक्सलियों में से एक हिड़मा का गांव पुवर्ती – सिलगेर सड़क के बीच बैली ब्रिज बन गया है। इस ब्रिज के बनने से कई गांव का संपर्क अब सीधे जिला मुख्यालय से हो गया है। इतना ही नहीं हिड़मा का गांव पुवर्ती भी अब सीधे सुकमा से जुड़ गया है। इस ब्रिज के बनने से जगरगुंडा होते हुए दंतेवाड़ा और सुकमा जिला मुख्यालय आने का रास्ता अब आसान हो गया है।
बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन (BRO) ने इस ब्रिज को तैयार किया है। बीआरओ देश में एक सड़क निर्माण करने वाली फोर्स है, जो भारत के बॉर्डर इलाकों और अन्य ऐसे इलाकों में जहां आंतरिक सुरक्षा को लेकर फोर्स जद्दाेजहद कर रही है, में सड़क मार्ग और ब्रिज का निर्माण और व्यवस्थापन का कार्य करती है।
यह सड़क नक्सली हिड़मा के गांव पुवर्ती को जोड़ता है। 15 मीटर लंबाई वाले इस बैली ब्रिज के निर्माण पूर्ण होने से सड़क मार्ग अब ग्रामीणों के लिए आसान हो गया है। बारिश के दिनों में इस इलाके के ग्रामीणों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
बीते चार दशक से पुवर्ती क्षेत्र नक्सलियों के कब्जे में था। इसको अब लाइफ लाइन कहे जाने वाली NH 30 से जोड़ा जा रहा है। यह ब्रिज इस कोशिश में एक नया पड़ाव है। अब एलमागुड़ा से दुलेड़ और पुवर्ती तक 51 किमी की सड़़क भी बननी है। इसके लिए लगभग 53 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। काफी नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से पूल का निर्माण नहीं हो पा रहा था। पुलिस जवानों की सुरक्षा में इस पुल का निर्माण कम समय में पूर्ण कर लिया गया है। पुल के निर्माण होने से 10 से 12 गांव के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। पुल के बन जाने से इस इलाके के ग्रामीणों में काफी उत्साह है।
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