[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कफ सीरप तस्करी के आरोपी बाहर, अमिताभ ठाकुर सलाखों में
ऑपरेशन सिंदूर के दाग भूल भारत ने की चीनियों की आवाजाही आसान
AIIMS रायपुर को सिंगापुर में मिला ‘सर्वश्रेष्ठ पोस्टर अवॉर्ड’
डीएसपी पर शादी का झांसा देकर ठगी का आरोप लगाने वाले कारोबारी के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
11,718 करोड़ की लागत से होगी डिजिटल जनगणना, 1 मार्च 2027 को आधी रात से होगी शुरुआत
तेलंगाना पंचायत चुनाव: कांग्रेस समर्थित उम्‍मीदवारों की भारी जीत, जानें BRS और BJP का क्‍या है हाल?
MNREGA हुई अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’, जानिए कैबिनेट ने किए और क्‍या बदलाव ?
उत्तर भारत में ठंड का कहर, बर्फबारी और शीतलहर जारी, दिल्ली में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह
ट्रैवल कारोबारी ने इंडिगो की मनमानी की धज्जियां उधेड़ी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

एक रुकी हुई संसद

Editorial Board
Editorial Board
Published: July 25, 2025 7:53 PM
Last updated: July 25, 2025 7:53 PM
Share
Parliament session
SHARE

संसद के मानसून सत्र का पहला हफ्ता जिस तरह हंगामे में धुल गया, न तो वह अप्रत्याशित है और न ही अनोखा। संसद के मौजूदा गतिरोध को देख कर भाजपा के दो दिवंगत नेताओं सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की टिप्पणियों को याद किया जा सकता है। यूपीए के कार्यकाल के दौरान 2012 में लोकसभा में विपक्ष की नेता स्वराज ने कहा था, संसद को नहीं चलने देना भी लोकतंत्र का एक रूप है। इसी तरह तब राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने कहा था, संसदीय अवरोध अलोकतांत्रिक नहीं है। लेकिन वास्तव में लोकतंत्र की खूबसूरती तो इसी में है कि संसद में स्वस्थ और जिंदादिल बहसें हों। ऐसी बहस, जिसकी गूंज से संसद से सड़क तक सुनाई दे। लोहिया तो कहते थे कि जब सड़कें सूनी हो जाती हैं, तो संसद आवारा हो जाती है! चाहे तो विपक्ष लोहिया की इस सीख पर अमल में ला सकता है, बशर्ते की वह अपनी लड़ाई संसद से सड़क तक ले जाने के लिए तैयार हो? वैसे बुनियादी तौर पर देखा जाए, तो संसद को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी सरकार और विपक्ष दोनों की होती है, लेकिन इसमें सरकार के प्रबंधकों की अहम भूमिका होती है, जो इस सरकार में कहीं नजर नहीं आते। इसके उलट गतिरोध के लिए सरकार के मंत्री विपक्ष पर दोषारोपण कर रहे हैं। अच्छा तो यह होता कि मानसून सत्र की शुरुआत में ही सरकार साफ कर देती कि वह ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इस चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी खुद भी हिस्सा लेंगे। यह अंदेशा इसलिए हो रहा है, क्योंकि संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि सरकार यह तय नहीं कर सकती कि विपक्ष से कौन बोलेगा। इसी तरह विपक्ष तय नहीं कर सकता कि सरकार की ओर से कौन बोलेगे।
दरअसल मौजूदा गतिरोध की एक वजह ही यही है कि विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर और खासतौर से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने के दावे पर स्थिति स्पष्ट करें। वास्तविकता यह है कि पहलगाम के आतंकी हमले और उसके बाद किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बाद सरकार और विपक्ष में बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का मुद्दा गरमा सकता है। सरकार ने अब तक साफ नहीं किया है कि वह इस पर चर्चा के लिए तैयार है। इस पर बहस तब और जरूरी हो जाती है, जब एनडीए के अहम घटक तेलुगू देशम ने भी एसआईआर पर अपनी आशंकाएं जताई हैं। लाख टके का सवाल तो यही है कि देश की नागरिकता तय करने जैसे अहम मुद्दे पर संसद में बहस नहीं होगी तो और कहां होगी?

Previous Article NSUI रावतपुरा विवि में फर्जी सिलेबस और PWD भर्ती परीक्षा में धांधली के खिलाफ NSUI का राजभवन मार्च
Next Article BIHAR CAG REPORT बिहार में CAG रिपोर्ट आई सामने, 70 हजार करोड़ का हिसाब नहीं दे सकी नीतीश सरकार
Lens poster

Popular Posts

शर्मनाक!

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन जब देश भर में महिलाओं की सुरक्षा के दावे किए…

By The Lens Desk

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है- IAF, राजनाथ बोले- भारत की सेनाओं की धमक रावलपिंडी तक सुनाई दी

दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाया जा रहा ऑपरेशन सिंदूर (operation sindoor is…

By Lens News Network

जंतर-मंतर पर महापंचायत, किसानों ने फिर भरी हुंकार

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली kisaan mahaapanchaayat: भारी बारिश के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित…

By आवेश तिवारी

You Might Also Like

Mohan Bhagwat
लेंस संपादकीय

मोहन भागवत की चिंता

By Editorial Board
Bastar flood
लेंस संपादकीय

बारिश और बाढ़ से बदहाल बस्तर

By Editorial Board
Delhi air pollution
लेंस संपादकीय

जहरीली हवा के बीच

By Editorial Board
GenZ
लेंस संपादकीय

नेपाल में भड़की हिंसाः सड़कों पर उतरे Gen-Z का दर्द

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?