नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के अचानक इस्तीफे ने देश के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब न मीडिया के पास है न ही विपक्ष के पास। उनके इस्तीफे को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। यहाँ उनके इस्तीफे से जुड़े दस अनुत्तरित सवालों की सूची दी गई है, जो अभी भी चर्चा और अटकलों का विषय बने हुए हैं:
1- क्या जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य ही उनके इस्तीफे की एकमात्र वजह थी?
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, विशेष रूप से मार्च 2025 में उनकी एंजियोप्लास्टी और हाल की स्वास्थ्य समस्याओं का उल्लेख किया। लेकिन संसद के मानसून सत्र के पहले दिन की अति सक्रियता और अगले दिन का कार्यक्रम तय करने के बाद अचानक इस्तीफा देन संदेहास्पद लग रहा है।
2- क्या सरकार के साथ जगदीप धनखड़ के कोई मतभेद थे?
धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को बिना सरकार को सूचित किए स्वीकार किया, जिससे सत्ताधारी दल के नाराज होने की सूचना मिल रही। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग के लंबित होने की बात भी कही। क्या यह उनकी विदाई का कारण बना?
3- क्या किसान मुद्दों पर उनकी मुखरता भारी पड़ी?
धनखड़ ने सार्वजनिक मंचों पर किसानों के मुद्दे उठाए थे, जिससे सरकार के कुछ नेताओं में नाराजगी थी।वह कई बार भाजपा की लाइन से बाहर जाकर किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं। क्या उनकी यह सक्रियता उनके इस्तीफे का एक कारण थी?
4- क्या सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका पर उनकी टिप्पणियों का दबाव था?
धनखड़ ने “न्यायिक अतिरेक” और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को रद्द करने की सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई की आलोचना की थी। क्या इन टिप्पणियों ने उनके खिलाफ दबाव बनाया?
5- क्या इस्तीफे की टाइमिंग संसद सत्र से जुड़ी थी?
धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन संसद में हिस्सा लिया, लेकिन उसी रात इस्तीफा दे दिया। क्या सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष की बिना रोक टिक ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने देने के उनके फैसले से भाजपा नाराज थी?
6- क्या यह बीजेपी की आंतरिक राजनीति का परिणाम था?
कुछ अटकलें हैं कि धनखड़ का इस्तीफा बीजेपी के भीतर सत्ता समीकरणों को संतुलित करने या किसी सहयोगी दल को समायोजित करने का प्रयास हो सकता है। क्या यह सही है?
7- क्या धनखड़ का इस्तीफा RSS के 75 साल के नियम का प्रभाव था?
धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान से जुड़ा हो सकता है, जिसमें 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को पद छोड़ने के लिए कहा जाता है। जबकि धनखड़ 74 साल के हैं?
8-क्या विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की धमकी ने दबाव बनाया?
विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी। क्या इस धमकी ने उनके इस्तीफे को प्रेरित किया, या यह केवल संयोग था?
9- क्या बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार को समायोजित करने की योजना है?
कुछ खबरों और अटकलों में दावा किया गया कि धनखड़ का इस्तीफा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडी(यू)के नेता को उपराष्ट्रपति बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। उप सभापति हरिवंश राष्ट्रपति से।मुलाकात भी कर चुके हैं। क्या यह केवल अनुमान है या इसमें सच्चाई है?
10- क्या धनखड़ की विदाई 2029 के लिए राजनीतिक मोर्चेबंदी की और जातीय आधारित समुदायों को समायोजित करने का हिस्सा है?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि धनखड़ का इस्तीफा 2029 के आम चुनावों के लिए बीजेपी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें जाट समुदाय या अन्य क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश हो। क्या यह दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है?
11- क्या धनखड़ ने संसद को चलाने की कार्रवाई में भाजपा की रणनीति को ध्वस्त कर दिया था?
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सत्ता पक्ष द्वारा प्रस्तुत महाभियोग प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा लंबित रखा गया जबकि राज्यसभा में धनखड़ ने विपक्ष द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकार कर उसे सेक्रेट्री को सौंप दिया।
यकीनन महाभियोग के इस प्रस्ताव को धनखड़ खुद हैंडल करना चाहते थे जबकि यह प्रस्ताव बीजेपी की राजनीति का हिस्सा था जिसे वह अपने तरीकों से हैंडल करना चाहती थी।