रायपुर। देश के 14 बड़े निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण के मौके पर 19 जुलाई को कार्यक्रम में बैंक कर्मचारी अपने हितों का मुद्दा उठाएंगे। आल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन की ओर से देश में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
छत्तीसगढ़ बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के महासचिव शिरीष नलगुंडवार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सरकार का मौजूदा एजेंडा बैंकों का निजीकरण कर लोगों की बचत को कॉरपोरेट हितों के हवाले करना है। इसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने और निजीकरण के प्रयासों को विफल करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सार्वजनिक बैंकों की सामाजिक दिशा को बनाए रखना और ग्राहकों को बेहतर, त्वरित व उत्तम सेवा प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है।

बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस के अवसर पर 19 जुलाई को पूरे देश में स्थानीय स्तर पर सभाएं, बैठकें, सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन आयोजनों में बैंकों के राष्ट्रीयकरण की मांग में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन की भूमिका, पिछले 56 वर्षों में राष्ट्रीयकृत बैंकों की उपलब्धियों और वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा होगी। इन चुनौतियों में निजीकरण का खतरा, खराब ऋणों को बट्टे खाते में डालना, आईबीसी के नाम पर बैंकों में लूट, सेवा शुल्क में वृद्धि और न्यूनतम शेष राशि न रखने पर जुर्माना शामिल हैं।
शिरीष नलगुंडवार ने कहा, “सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मजबूत होंगे तो अर्थव्यवस्था जीवंत होगी। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, उत्पादकता में वृद्धि होगी और देश की अर्थव्यवस्था का विकास होगा।” उन्होंने सभी बैंक कर्मचारियों और जनता से इस अभियान में शामिल होने और आयोजनों का सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से प्रचार करने की अपील की है।