रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय श्रमिक दिवस के अवसर पर बोरेबासी तिहार पर तामझाम पर ज्यादा खर्च हुए हैं। विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल पर यह खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक प्रतिव्यक्ति पर करीब 1795 रूपए खर्च किए गए थे, जबकि बोरेबासी की एक थाली की कीमत 32 रूपए हैं। पिछली सरकार ने बोरेबासी खिलाने के नाम पर आयोजन में 9 करोड़ रूपए तक खर्च कर दिए हैं। Borebasi Ghotala
तखतपुर से भाजपा विधायक धर्मजीत ने पूछा था कि बोरे बासी दिवस का आयोजन किस उद्देश्य से हुआ, कितने लोग शामिल हुए और कितना खर्च आया? इस पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने लिखित जवाब दिया है। इस पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन विधानसभा में मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि 2023 में यह आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में यानि एक आदमी के लिए सिर्फ बोरे बासी खाने का इंतजाम 32 रूपए में हुआ था। लेकिन, आयोजन से जुड़े कई दूसरे खर्चों से यह राशि 1795 रूपए तक पहुंच गई। कार्यक्रम के लिए 1.10 करोड़ रुपए खर्च कर 6 विशाल डोम बनाए गए थे। आयोजन में 1 लाख 30 हजार श्रमिकों को शामिल किया जाना था लेकिन, करीब 50 हजार श्रमिक ही कार्यक्रम में शामिल हो सके थे।
उन्होंने कहा कि आयोजन का उद्देश्य श्रमिकों को योजनाओं की जानकारी देना और पंजीयन बढ़ाना था। उन्होंने कहा कि आयोजन प्रदेश के सभी जिलों में हुआ और इसका संचालन जिला श्रम कार्यालयों ने किया। कार्यक्रम की डिटेल जानकारी हर जिले के श्रम कार्यालयों में उपलब्ध है।
इस पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बोरेबासी तिहार के आयोजन की सभी जिलों के श्रम पदाधिकारी कार्यालयों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह पैसा उन्हीं कार्यालयों को भेजा गया। हर जिले ने आयोजन स्थल, प्रचार-प्रसार, भोजन, ट्रांसपोर्ट और स्थानीय जरूरतों के लिए व्यय किया। इन सभी में सबसे ज्यादा खर्च रायपुर श्रम पदाधिकारी कार्यालय ने किया, जहां ₹8,50,14,248 खर्च किए गए। बाकी बचे लगभग 47 लाख रुपये अन्य जिलों में खर्च हुए।