रायपुर। 570 करोड़ के अवैध कोल लेवी वसूली के मामले में राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान (EOW) ने करीब तीन साल से फरार आरोपी नवनीत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी नवनीत इसी केस में जेल में बंद और पूरे केस के किंग पिन कहे जाने वाले सूर्यकांत तिवारी का रिश्तेदार है। गिरफ्तार आरोपी अवैध कोल लेवी की वसूली की योजना से लेकर वसूली और अवैध रकम को निवेश करने के कारनामे में शामिल रहा है।

आरोपी नवनीत की तलाश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी 2022 से कर रही थी। ईडी के केस रजिस्टर्ड करने से लेकर अब तक आरोपी फरार था। बाद में ईडी की रिपोर्ट पर जब ईओडब्ल्यू ने एफआईआर की, तो भी आरोपी नवनीत की तलाश शुरू की। लेकिन, कई कोशिशों के बाद भी वह एजेंसी के हत्थे नहीं चढ़ा। एफआईआर में आरोपी का नाम होने के बाद उसके खिलाफ फरारी में चालान पेश किया गया था। इस पर कोर्ट ने आरोपी नवनीत के खिलाफ स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
अब ईओडब्ल्यू ने उसे गिरफ्तार कर फौरन कोर्ट में पेश किया। एजेंसी को नवनीत की रिमांड मिली, जिसके बाद उसे कस्टडी में रखकर पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि कोल लेवी पिछली सरकार के समय करीब साढ़े 570 करोड़ का एक घोटाला है, जिसमें दो आईएएस समीर बिश्नेाई, रानू साहू, पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी सहित कई कारोबारी गिरफ्तार किए गए थे। इस मामले में करीब डेढ़ महीने पहले समीर बिश्नोई, रानू साहू और सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, जिसके बाद 1 जून को ये सभी आरोपी जेल से बाहर आए हैं। आईएएस समीर बिश्नोई 2 साल 7 महीना 18 दिन, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया 2 साल 5 महीना 29 दिन और आईएएस रानू साहू 1 साल 10 महीना 9 दिन बाद जेल से जमानत पर छूटी थीं। इस केस में इन अफसरों और कोल लेवी केस के सिंडिकेट पर आरोप है कि उन्होंने कोयले के ट्रांसपोर्ट में प्रति टन 25 रुपए की वसूली की है।
ट्रांसपोर्टरों की शिकायत पर ही ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी, जिसके बाद करीब 570 करोड़ का घोटाला सामने आया था।
जानकारी के अनुसार, सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर बिश्नोई को कोल लेवी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। इस घोटाले में 570 करोड़ रुपये के घपले का आरोप है। इसके अलावा डीएमएफ के मामले में भी दोनों महिला अफसरों को EOW ने गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी, जिसके बाद रिहाई हुई थी। रिहाई के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और तीनों को जेल के पिछले रास्ते से रवाना किया गया।
यह भी पढ़ें : मेन गेट पर डटा रहा मीडिया, सौम्या-रानू को अफसरों ने पीछे से निकाल दिया, समीर बोले – ये प्राइवेट प्लेस है